मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर नहीं हो पाया पंजीकरण, किसानों की बढ़ी परेशानी
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की फसल की पारदर्शी तरीके से खरीद कर
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की फसल की पारदर्शी तरीके से खरीद करवाने के लिए शुरु की गई मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल बाढड़ा क्षेत्र के किसानों को लाभ की बजाए परेशानी का सबब बन गया है। राजस्व विभाग द्वारा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों की जमाबंदी व अन्य रिकार्ड पर आनलाइन प्रक्रिया शुरू करने के चलते पंजीकरण न होने पर ग्रामीण किसानों की फसल बिक्री पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। जिसको लेकर सरकारी तंत्र की उदासीनता को लेकर किसानों में रोष बना हुआ है। क्षेत्र के हजारों किसानों ने दोबारा पोर्टल शुरू करवाने की मांग की है।
बाढड़ा उपमंडल क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक कई गांवों में चकबंदी कार्य चल रहा है। इससे किसी गांव का रिकार्ड अधूरा है वहीं राजस्व विभाग कई गांवों की जमाबंदी व इंतकाल रिकार्ड आनलाइन किया जा रहा है। इससे कई आवेदकों का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह बाधित रही। कई गांवों के किसानों ने विरोध जताया तो तहसील कार्यालय ने राजस्व विभाग के राज्य मुख्यालय पर संपर्क कर कुछ गांवों का समाधान भी करवाया। लेकिन अंतिम तिथि आने के बाद भी तमाम प्रयासों के बावजूद चार हजार से अधिक किसानों का अब भी आनलाइन पंजीकरण नहीं हो पाया है।
किसान राधेश्याम, अमृत सिंह, शीशराम, राकेश कुमार, आनंद कुमार, विकास, राजेन्द्र सिंह इत्यादि ने बताया कि कृषि सिस्टम को आधुनिक बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया किसान व प्रशासन के गले की फांस बन गई है। अगर किसानों का पंजीकरण ही नहीं हो पाया तो वह अपनी गेहूं, सरसों की फसलों की बिक्री कैसे कर पाएगा। किसानों की मांग के अनुसार प्रदेश सरकार को दोबारा पोर्टल पर आनलाइन प्रक्रिया का अवसर देना चाहिए, ताकि अन्नदाता अपना समय पर पंजीकरण करवा सके। उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा : तहसीलदार
इस बारे में नायब तहसीलदार शेखर नरवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि राजस्व रिकार्ड के ऑनलाइन समय में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ गांवों के किसानों का आवेदन पंजीकृत नहीं हो पाया है। विभाग को समस्या की जानकारी मिलते ही राज्य मुख्यालय से संपर्क कर कुछ सुधार करवाया है। लेकिन फिर भी कुछ किसान वंचित रह गए हैं इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। किसानों के किया जा रहा मजाक
किसान सभा अध्यक्ष मा. रघबीर श्योराण ने कहा कि सरकार एक तरफ तो किसान का एक-एक दाना खरीदने का दावा कर रही है। जबकी दूसरी तरफ आनलाइन सिस्टम में बाधा लाकर अन्नदाताओं को परेशान किया गया है। अब निर्धारित समय गुजरने के बाद किसान बिक्री के लिए अपना अनाज पंजीकरण नहीं करवा पाएंगे।