बेटियों के सम्मान और सुरक्षा के प्रहरी बन काम कर रहे पीटीआइ ¨पकू
सुरेश मेहरा, भिवानी : राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी और पीटीआइ विनोद ¨पकू ऐसे लोक प्रहरी
सुरेश मेहरा, भिवानी : राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी और पीटीआइ विनोद ¨पकू ऐसे लोक प्रहरी हैं जो बच्चों को न केवल स्वास्थ्य शिक्षा की घुंट्टी दे रहे हैं बल्कि उनको हर क्षेत्र में पारंगत बनाने के लिए भी कुछ हट कर गतिविधियां कर रहे हैं। उनकी इस तरह की पहल खूब वाहवाही भी लूट रही हैं। ऐसी ही खास पहल जो उन्होंने शुरू की हैं उनमें स्कूल में प्रत्येक माह बेटियों का सामूहिक जन्मदिन मनाना भी शामिल है। स्कूल को सुंदरीकरण के लिए वह निरंतर काम करते हैं। बेटियों को आत्मरक्षा के गुर भी सिखा रहे हैं। स्कूल में वह कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर अंग्रेजी भाषा की लेखन शैली भी सिखा रहे हैं। केक काट कर और पौधा गोद देकर मनाते हैं बेटियों का सामूहिक जन्मदिन राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी रह चुके विनोद फिलहाल सिवाड़ा के राजकीय उच्च विद्यालय में बतौर पीटीआइ कार्यरत हैं। वह अपने अनुभव सांझा करते हुए बताते हैं कि मई 2018 की बात हैं। स्कूल में कुछ छात्राएं जन्मदिन के खुशी मनाने के लिए टॉफियां लेकर आई थी। उन्होंने छात्राओं से कह दिया कि बेटा वह आपके घर में जन्मदिन मनाते हुए केक खाएंगे। इस पर छात्राओं ने बताया कि घर में जन्मदिन नहीं मनाते सर। उनको यही बात अटपटी लगी ओर उसी माह में जन्मी सभी छात्राओं का जन्मदिन मनाना शुरू कर दिया।
इसके बाद से हर माह स्कूल में छात्राओं के साथ अब छात्रों का भी जन्मदिन मनाना शुरू कर दिया। प्रत्येक माह के आखिरी कार्यदिवस के दिन पूरे में माह में जिसका जन्मदिन होता है उन सबका सामूहिक रूप से केक काट कर और पौधरोपण कर जन्मदिन मनाते हैं। इस दौरान उन बेटियों को उनके द्वारा लगाया पौधा गोद भी दिया जाता है और उसकी देखभाल का संकल्प लिया जाता है। वह कहते हैं कि मई 2018 में शुरू हुई यह मुहिम अब हमेशा जारी रहेगी। बेटियां भी बेटों से कम नहीं होती। माता-पिता को भी बेटों की तर्ज पर बेटियों का जन्मदिन भी घर में मनाना चाहिए। स्कूल की नमकीन मिट्टी में भी आकर्षक पार्क बना कर मिसाल पेश की सुंदरीकरण के प्रहरी बने हैं पीटीआइ विनोद ¨पकू। इसकी शुरुआत भी उन्होंने स्कूल से की और स्कूल की नमकीन मिट्टी में पार्क बना कर स्कूल के सौदर्य को चार चांद लगा दिए। सिवाड़ा स्कूल में जब उन्होंने इसके लिए प्रयास किया तो यह कहने वाले भी बहुत थे क्यों बेवजह माली बने हो। कामयाबी नहीं मिलनी लेकिन उन्होंने ठान लिया था पार्क बनाकर रहेंगे। आज सब इस कार्य को लेकर सराहना कर रहे हैं। इस कार्य के लिए खंड शिक्षा अधिकारी बवानीखेड़ा, स्कूल मुख्य अध्यापक आदि से भी सम्मानित हो चुके हैं। बेटियों को सिखा रहे आत्मरक्षा के गुर प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम शुरू की है। इनसे प्रेरित होकर उन्होंने बेटियों को सुरक्षा के लिए बेटियों को ही सबल बनाने की सोची। इसके बाद उन्होंने बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाना शुरू किया। उनके स्कूल की ज्यादातर बेटियां आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं। आत्मरक्षा करने में बेटियां सक्षम होंगी तो वे अपनी रक्षा खुद ही कर सकेंगे। बेटियां सक्षम होंगी तो उनके साथ होने वाली घटनाएं भी स्वत: रुक जाएंगी। इसलिए वह चाहते हैं कि प्रत्येक माता पिता इस पर ध्यान दे, प्रत्येक स्कूल में बेटियों को आत्मरक्षा सिखाना अनिवार्य किया जाए। यह सब होगा तो समाज में बदलाव होता नजर आएगा।