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कितलाना टोल पर धरना जारी, सरकार की सुस्ती से लंबा खींचता जा रहा है आंदोलन : राजसिह

जागरण संवाददाता चरखी दादरी केंद्र सरकार की हठधर्मिता और लचर रवैये से किसान आंदोलन ल

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 05:27 PM (IST)
कितलाना टोल पर धरना जारी, सरकार की सुस्ती से लंबा खींचता जा रहा है आंदोलन : राजसिह
कितलाना टोल पर धरना जारी, सरकार की सुस्ती से लंबा खींचता जा रहा है आंदोलन : राजसिह

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : केंद्र सरकार की हठधर्मिता और लचर रवैये से किसान आंदोलन लंबा खींचता चला जा रहा है। यह बात सांगवान खाप के बिरही बाइस के कन्नी प्रधान राजसिंह बिरहीं ने शुक्रवार को कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने बेशक तीन कृषि कानून रद्द कर दिए हों लेकिन बाकी मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा से बातचीत के लिए आगे नहीं बढ़ रही है जो उसकी सोच दर्शाता है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को साल बीत गया है ऐसे में सरकार को अविलंब बाकी मसले सुलझाने चाहिए। कितलाना टोल पर महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस की 132वीं जयंती पर उन्हें याद किया तथा श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस मौके पर धरनारत किसानों को संबोधित करते हुए रिटायर्ड कर्मचारी संघ के शब्बीर हुसैन ने कहा कि खुदीराम बोस महान स्वतंत्र सेनानी थे जिन्हें 18 साल की आयु में मुज्जफरपुर जेल में 1908 में फांसी तोड़ा गया था। 342वें दिन भी जारी रहा धरना

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संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 342वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से महाबीर धनाना, चौ. छोटूराम डा. आंबेडकर मंच से बलबीर सिंह बजाड़, युवा कल्याण संगठन से सुभाष यादव, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से शब्बीर हुसैन, महिला किसान मोर्चा से रतनी डोहकी व प्रेम शर्मा कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा वट वृक्ष की उपाधि से अलंकृत रानीला वासी 93 वर्षीय प्रसिद्ध डा. रणधीर सिंह सांगवान, जिनके पूर्वज कितलाना रहते थे, टोल पर वे आंदोलनकारियों से रूबरू होंगे। धरने का मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। ये रहे मौजूद

इस अवसर पर सांगवान कन्नी प्रधान सूरजभान झोझू, सुरेंद्र कुब्जानगर, राजू मान, रणधीर घिकाड़ा, जागेराम डीपीई, चंद्र सिंह पैंतावास, पृथ्वी सिंह नम्बरदार, जगदीश हुई, देशराम भांडवा, भोलू खान, दिलबाग ढूल, नरेन्द्र धनाना, रामानंद धानक, ईश्वर धानक कौट, सत्यवान कालूवाला, जयपाल जांगड़ा, रमेश शर्मा, ओमप्रकाश प्रजापति, सूबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह धायल, नन्दलाल अटेला, परमजीत फतेहगढ़ व लीला रासीवास इत्यादि शामिल रहे।


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