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कूड़े के ढ़ेरों में आग लगाने से उठता धुआं, जीवन, स्वास्थ्य पर पड़ रहा भारी...

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: स्वच्छता के नाम पर दादरी नगर की विभिन्न घनी जनसंख्या वाली कालो

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 12:54 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 12:54 AM (IST)
कूड़े के ढ़ेरों में आग लगाने से उठता धुआं, जीवन, स्वास्थ्य पर पड़ रहा भारी...
कूड़े के ढ़ेरों में आग लगाने से उठता धुआं, जीवन, स्वास्थ्य पर पड़ रहा भारी...

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: स्वच्छता के नाम पर दादरी नगर की विभिन्न घनी जनसंख्या वाली कालोनियों, मोहल्लों, बाजारों में कूड़े करकट के ढ़ेरों में आग लगाकर पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाने का सिलसिला जारी है। कायदे से सफाई किए जाने के बाद कूड़े करकट को इकट्ठा कर उसे नगर परिषद की ट्रालियों, छोटे वाहनों द्वारा शहर से बाहर बने डं¨पग प्वाइंटों तक पहुंचाया जाना जरूरी है लेकिन नगर की कई कालोनियों मे कूड़े के ढ़ेरों में आग लगाकर मौके पर भी उसे खत्म करने का प्रयास किया जाता रहा है। कूड़े करकट के ढ़ेरों में एक बार आग लगाने पर दो-दो, तीन-तीन दिनों तक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक धुआं लगातार परेशानियों का सबब बना रहता है। ऐसा ही नजारा दादरी नगर के पाहवा चौक पर दिखाई दिया। यहां एक महिला सफाई कर्मी ही कूड़े के ढ़ेर में आग लगाती दिखाई दी। जब सफाई कर्मचारी ही कूड़े के ढ़ेर में आग लगाने लगें तो आम लोगों से इस बारे में जागरूकता की बात कैसी की जा सकती है। वार्ड नौ का पाहवा क्षेत्र एक घनी जनसंख्या वाला इलाका है। यहां कूड़े के ढ़ेर में शामिल पोलीथिन, प्लास्टिक, खड़, कचरे इत्यादि के जलने से कई घंटों तक उठने वाला धुआं सीधे लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता नजर आया। पाहवा चौक के कुछ लोगों ने बताया कि यहां कूड़े करकट के ढ़ेर में आग लगाना तथा फिर घंटों तक उसमें जहरीला धुआं निकलना सामान्य बात है। इससे न केवल समस्त वातावरण प्रभावित रहता है बल्कि स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस बारे में जागरण ने विभिन्न पक्षों से बात की व उनका पक्ष जाना। --कूड़े के ढ़ेर में आग लगाना अनुचित : पार्षद दादरी नगर परिषद वार्ड नौ के पार्षद बक्शी सैनी ने कहा कि नगर की किसी भी कालोनी मोहल्ले में कूड़े, कचरे के ढ़ेर में आग लगाना पूरी तरह अनुचित कार्य है। नगर परिषद ने गली मोहल्लों के कूड़े को एकत्रित कर उसे डं¨पग प्वाइंटों तक पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों की व्यवस्था की हुई है। इसके अलावा जिन छोटी गलियों में ट्रैक्टर नहीं जा सकते वहां के लिए छोटी गाड़ियां लगाई गई है। इसलिए कूड़े के ढेर को उन ट्रालियों, छोटे वाहनों से बाहर करना चाहिए। चाहे सफाई कर्मचारी हो या आम नागरिक कोई भी कूड़े के ढ़ेर में आग नहीं लगा सकते है। पार्षद ने कहा कि यदि पाहवा चौक में कूड़े के ढ़ेर में आग लगाई जाती है तो वे स्वयं मौके का मुआयना कर जरूरी कार्यवाही के लिए अधिकारियों से बात करेंगे। --कार्यवाही का है प्रावधान: एसआई दादरी नगर परिषद के सफाई निरीक्षक विजय शर्मा के अनुसार केवल पाहवा चौक ही नहीं शहर की किसी भी कालोनी, मोहल्लों में कूड़े के ढ़ेर में आग नहीं लगाई जा सकती है। इस प्रकार की कोई भी शिकायत मिलने पर परिषद जिम्मेदार व्यक्ति को पहले नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगती है। संतुष्टिपूर्ण जवाब न मिलने पर चालान काटने, प्रदूषण एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है। विजय शर्मा ने कहा कि सफाई के साथ साथ पर्यावरण प्रदूषण न फैले यह भी हम सबका उत्तरदायित्व है। इसे लेकर परिषद गंभीर है। पाहवा चौक में यदि कूड़े कचरे के ढ़ेर में आग लगाई जाती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। --स्वास्थ्य, जीवन होता है प्रभावित : डा. लाकड़ा दादरी नगर के बाल रोग विशेषज्ञ डा. महावीर लाकड़ा ने कहा कि कूड़े कचरे के ढ़ेर में शामिल पदार्थो के जलने से उनमें स्वास्थ्य, जीवन के लिए घातक धुआं निकलता है। लगातार इनके संपर्क में रहने वाले लोग कई प्रकार की बीमारियों जैसे अस्थमा, श्वास, दमा, एलर्जी इत्यादि की चपेट में आ सकते है। अत्यधिक मात्रा में पर्यावरण प्रदूषण के चलते विशेषकर बुजुर्गो, छोटे बच्चों व पहले से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त लोग अधिक प्रभावित होते है। इससे सीधे तौर पर स्वास्थ्य व जीवन पर असर पड़ता है। हमें इस प्रकार की स्थिति से बचना चाहिए। समाज में इसके प्रति जागरूकता जरूरी है।

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