स्कूल खोलने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे अभिभावक, मंडी बाजार में निकाला जुलूस
कोरोना महामारी के चलते लंबे समय से स्कूल बंद होने से जहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है वहीं स्कूलों पर भी आर्थिक प्रभाव पड़ा है।
संवाद सूत्र, ढिगावा मंडी : कोरोना महामारी के चलते लंबे समय से स्कूल बंद होने से जहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं स्कूलों पर भी आर्थिक प्रभाव पड़ा है। इसको लेकर प्राइवेट एसोसिएशन के बैनर तले अभिभावकों ने रविवार को प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने ढिगावा मंडी में नई अनाज मंडी से लेकर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तक प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने विरोध जुलूस निकालकर सरकार से स्कूल खुलवाने की मांग की। रविवार को भारी संख्या में अभिभावक ढिगावा मंडी की नई अनाज मंडी में प्रांगण में एकत्र हुए और विरोध जुलूस के रूप में मंडी बाजार के बीचों बीच होते हुए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पर पहुंचे। इस दौरान दिल्ली पिलानी नेशनल हाईवे 709 पर जाम लगा रहा। इस मौके पर जगदीश ढाणा ने कहा कि े कोरोना काल के कारण शिक्षा क्षेत्र को हानि पहुंची है। सबसे ज्यादा शिक्षा बाधित हुई हैं और इसका असर आने वाली पीढि़यों पर भी पड़ेगा। बाजार, माल, रेस्टोरेंट्स, होटल आदि में सभी तरह की गतिविधि शुरू हो चुकी हैं, लेकिन केवल स्कूल ही अभी तक खुल नहीं पाए हैं। आनलाइन क्लासेज से बच्चे मोबाइलों में सिमट कर रह गए हैं और अध्यापन कार्य से बहुत दूर जा चुके हैं। अभिभावक और बच्चे भी यह चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी स्कूल खोलें ताकि जो पहले कमी रही उसकी भरपाई हो सके। स्कूलों पर भी पड़ रहा है आर्थिक नुकसान:
प्रधान राजेंद्र यादव ने कहा कि स्कूल बंद होने के कारण न केवल बच्चों पर बल्कि स्कूल पर भी आर्थिक रूप से बहुत प्रभाव पड़ा है। बहुत से स्कूल बंद होने के कगार पर हैं और बहुत से टीचर्स अपने पेशे को छोड़कर पलायन कर चुके हैं और कुछ पलायन करने की तैयारी में है। स्कूल बंद होने के चलते अध्यापकों, स्कूल बस ड्राइवरों, चतुर्थ क्लास कर्मचारियों के वेतन को देना बहुत ही कठिन हो रहा है। आनलाइन क्लासेज का कोई फायदा नहीं है और जब तक फिजिकल क्लासेस आरंभ नहीं होती, वे फीस का भुगतान नहीं करेंगे। इससे स्कूलों की गाडिय़ां, उनके बीमें, पासिग का खर्चा, बिजली के बिल और स्कूल रखरखाव के खर्चे निकालना बहुत मुश्किल हो रहा है। यह सत्र भी कोरोना की भेंट चढ़ गया तो प्राइवेट स्कूल खत्म हो जाएंगे। उन्होंने मांग की कि जल्दी से जल्दी स्कूलों को खोला जाए ताकि शिक्षा संबंधी गतिविधियां जल्द से जल्द आरंभ हो सके। इस मौके पर दर्जनभर गांव के सैकड़ों अभिभावक उपस्थित रहे।