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खेलों पर महामारी ने लगाया ब्रेक, स्टेडियम हुए वीरान

पढ़ाई ही नहीं कोरोना संक्रमण के इस दौर ने खेल गतिविधियों पर भी पर ब्रेक लगा दिए हैं। शिक्षा का वर्ष 2020 का सत्र बिना पढ़ाई के बीत गया और अब यह सत्र भी महामारी की भेंट चढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 06:00 AM (IST)
खेलों पर महामारी ने लगाया ब्रेक, स्टेडियम हुए वीरान
खेलों पर महामारी ने लगाया ब्रेक, स्टेडियम हुए वीरान

सुरेश मेहरा, भिवानी : पढ़ाई ही नहीं कोरोना संक्रमण के इस दौर ने खेल गतिविधियों पर भी पर ब्रेक लगा दिए हैं। शिक्षा का वर्ष 2020 का सत्र बिना पढ़ाई के बीत गया और अब यह सत्र भी महामारी की भेंट चढ़ रहा है। पढ़ाई कुछ हद तक आनलाइन से काम चलाया जा रहा है पर खेल तो आनलाइन संभव नहीं हैं। ऐसे में खेल स्टेडियम वीरान हो गए और खिलाड़ी घरों तक सिमट कर रह गए हैं। हालांकि कुछ खिलाड़ी आनलाइन वीडियो देखकर एकल खेलों का अभ्यास जरूर कर रहे हैं। खेल स्टेडियमों में जहां हजारों खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए आते थे उनको अब अपने खेलों की बारीकियां सीखने के लिए खेल प्रशिक्षक गुरुजनों का सानिध्य नहीं मिल रहा है। जो सीखा हैे उसी की एक तरह से दोहराई कर रहे हैं। खेल प्रतियोगिताएं नहीं होने से भी खिलाड़ियों का टैंलेंट प्रभावित हो रहा है। खिलाड़ी अब महामारी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।

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सुबह शाम रौनक रहने वाले खेल स्टेडियम हुए वीरान

भिवानी जैसे प्रदेश के खेल स्टेडियम जिन्होंने देश को नामी खिलाड़ी दिए अब उनको भी इस महामाीर ने एक तरह से आइसोलेट कर दिया है। अब यहां पर इक्का दुक्का खेल प्रशिक्षक ही नजर आते हैं। वह भी मैदान को संभालने के लिए आ जाते हैं। खिलाड़ियों को स्टेडियमों में आने की अनुमति नहीं है। खेल प्रशिक्षकों का कहना है खेल ही हैं जो मनुष्य की इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। भले ही संक्रमित होने पर अभ्यास, योग आदि नियमित रूप से करने के लिए कहा जाता है पर खेलने की अनुमति नहीं है। शारीरिक दूरी बनाकर भी खेलों का अभ्यास किया जा सकता है। उनकी तो छूट दी जाए तो सही रहे।

स्कूली टूर्नामेंट भी कोरोना ने लिए आगोश में

डीपीई और पीटीआइ का कहना है कि पिछला साल 2020 के स्कूली टूर्नामेंट और एसोसिएशन के गेम्स नहीं हो पाए। इसके चलते खिलाड़ी अपना ग्रेडेशन नहीं बनवा पा रहे हैं। इस साल भी अब तक कोई खेल नहीं हो पा रहे हैं। महामारी ने तो खेल पढ़ाई पर एक तरह से कुंडली मार ली है। यूथ की खेल गतिविधि हो चाहे एजूकेशन की तैयारी हो सब पर जैसे ताला लगा दिया है। हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ के संरक्षक एवं पूर्व राज्य प्रधान डीपीइ राजेश ढांडा और जिला महासचिव विनोद पिकू ने बताया यह सही है कि जीवन का बचना सबसे पहले जरूरी है। फिर जब बाजार खुल सकते हैं। इसके अलावा दूसरी जरूरी सेवाएं शुरू हो सकती हैं तो उत्तम स्वास्थ्य देने वाले खेल भी सावधानी के साथ शुरू कराए जा सकते हैं। खेलों को सावधानी पूर्वक शुरू करवाने पर विचार किया जाना चाहिए।


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