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गांव में पंचायत विभाग बना रहा सोखता गड्ढे, जमीन में जाएगी बारिश का पानी

ग्राम पंचायत विभाग बारिश की एक-एक बूंद को सोखने के लिए जल्द ही

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 07:53 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 07:53 AM (IST)
गांव में पंचायत विभाग बना रहा सोखता गड्ढे, जमीन में जाएगी बारिश का पानी
गांव में पंचायत विभाग बना रहा सोखता गड्ढे, जमीन में जाएगी बारिश का पानी

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा : ग्राम पंचायत विभाग बारिश की एक-एक बूंद को सोखने के लिए जल्द ही जल शक्ति अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के तहत जल संचय के लिए गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र, ग्राम सचिवालय व कम्युनिटी सेंटरों के अंदर सोखता गड्ढा व वर्षा जल संग्रह केंद्र का निर्माण करेगा। सरकार द्वारा इस अभियान को बल देने के लिए ग्राम पंचायत विभाग को नंबर तक का समय दिया गया है।

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सरकार के निर्देश अनुसार गांवों में जलशक्ति अभियान के तहत हर हाल में विभाग को जलसंचय केंद्रों का निर्माण करना होगा। हालांकि बवानीखेड़ा खंड में इस योजना पर कार्य चालू भी कर दिया गया है। कुछ गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों में सोखते गड्ढों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जल्द ही वर्षा जल संग्रह केंद्रों का भी निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा। ग्राम पंचायतों को इनके निर्माण के लिए 15वें वित्य आयोग के तहत राशि प्रदान की जाएगी। निवर्तमान ग्राम पंचायतों ने जगह के हिसाब से एस्टीमेट तैयार करने आरंभ कर दिए हैं। इसके साथ-साथ विभाग द्वारा इसी अभियान के तहत प्रत्येक गांवों में ग्राम पंचायत के माध्यम से 500 पौधे लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है। ग्राम पंचायतों पर सार्वजनिक स्थलों पर पौधे रोपित करने के लिए वन विभाग द्वारा निश्शुल्क पौधे प्रदान किए जाएंगे। ये पौधे गांव के सार्वजनिक स्थलों, सरकारी ईमारतों, श्मशान घाटों व खाली पड़ी पंचायती जमीन पर रोपित किए जाएंगे। बवानीखेड़ा खंड में करीब 33 गांव पड़ते हैं और यहां पर साढ़े 15 हजार पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है। सोखता गड्ढे पर करीब 15 से 20 हजार रुपये का आएगा खर्च

सोखता गड्ढा के माध्यम से बारिश के वक्त सरकारी इमारत की छत व आंगन में बहने वाले पानी को संचय का कार्य किया जाएगा। सोखता गड्ढे पर करीब 15 से 20 हजार रुपये का खर्चा आएगा। इसके साथ-साथ बड़ी इमारतों में वर्षा जल संग्रह केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इस व्यवस्था के माध्यम से छत व आंगन का पानी भ-ूजल स्तर तक पाइप के माध्यम से पहुंचाया जाएगा ताकि बारिश का पानी व्यर्थ न जा सके और इसका संचय भू-गर्भ में हो सके। उपयुक्त जगह के अनुसार इसके निर्माण पर करीब दो लाख से पांच लाख तक की राशि खर्च की जाएगी। जलसंग्रह केंद्र के लिए जगह किया जा रहा को चिह्नित

जलसंचय के लिए गांव अलखपुरा, बलियाली, सिकंदरपुर, सुई, जमालपुर, रोहनात, सीपर, बोहल, किरावड़, पपोसा, रामुपुरा, लोहारी जाटु, सिवाड़ा, मिलकपुर, जीता खेड़ी, रतेरा व भुरटाना में सोखते गड्ढों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा वर्षा जलसंग्रह केंद्र के निर्माण के लिए उपयुक्त जगह को चिह्नित किया जा रहा है।

बारिश की एक-एक बूंद को संचय करना लक्ष्य

खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रविंद्र दलाल ने बताया कि विभाग द्वारा बारिश की एक-एक बूंद को संचय करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई है। अभियान का नाम जल शक्ति दिया गया है। पानी की एक-एक बूंद कीमती है। अगर आज हम पानी का संचय करेंगे तो यह हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए काम आ सकता है। आमजन से भी अपील की है कि वे भी अपने घरों में सोखते गड्ढे का अपने स्तर पर निर्माण करें ताकि बारिश का पानी व्यर्थ न बह सके।


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