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शहर की जनसंख्या 80 हजार में से महज 15790 लोगों ने ही दिया फीडबैक

शहरों में सफाई व्यवस्था को सुचारू व्यवस्थित करने के लिए शुरू

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:50 AM (IST)
शहर की जनसंख्या 80 हजार में से महज 15790 लोगों ने ही दिया फीडबैक
शहर की जनसंख्या 80 हजार में से महज 15790 लोगों ने ही दिया फीडबैक

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : शहरों में सफाई व्यवस्था को सुचारू, व्यवस्थित करने के लिए शुरू किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत दादरी शहर के नागरिकों से फीडबैक लिया गया। 31 मार्च को रात 12 बजे पोर्टल को बंद कर दिया गया था। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के सिटीजन फीडबैक को लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसका परिणाम है कि फीडबैक का आंकड़ा पिछले सालों की अपेक्षा कम ही रहा।

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दादरी शहर की जनसंख्या करीब 80 हजार हैं। शहर में 15752 लोगों ने वोट फोर सिटी एप तथा 38 ने पोस्टल के जरिए अपनी राय दर्ज करवाई है। सिटीजन फीडबैक बेहतर होने पर 1800 अंकों का फायदा मिल सकता था। ये अंक सर्वेक्षण के ओवरऑल रैंक में बढ़त बना सकते थे। लेकिन शहर के नागरिक स्वच्छ सर्वेक्षण में फीडबैक देने में लोगों ने अधिक रूचि नहीं दिखाई। सिटीजन फीडबैक एक जनवरी से शुरू होकर खत्म हो गया है। इस बार सिटीजन फीडबैक ऑनलाइन ही शहरवासियों को दर्ज करवानी थी। बीते वर्षों में स्वच्छता सर्वे करने के लिए आने वाली टीम सदस्य खुद लोगों से फीडबैक लेकर उसे दर्ज करते थे। इस बार आनलाइन ही फीडबैक शहरवासियों देना था। लोगों के कम फीडबैक से स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिग में दादरी शहर को झटका लग सकता है। सक्षम युवाओं की लगाई थी ड्यूटी

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की यह आनलाइन परीक्षा चल रही थी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से बीती एक जनवरी से शहरवासियों से फीडबैक लिया जा रहा था। लोगों से आठ सवाल पूछे जा रहे थे। एक जनवरी से फीडबैक शुरू हुआ था और 31 मार्च तक फीडबैक चला। नगर परिषद की तरफ से सक्षम युवाओं की ड्यूटियां भी लगाई गई थी। सक्षम युवा वार्डों में जाकर लोगों से आनलाइन फीडबैक करने व लोगों के फोन में स्वच्छता एप भी डाउनलोड करवाई ताकि वे स्वयं फीडबैक दे सकें, लेकिन फिर भी आंकड़ा नहीं बढ़ा। इनमें बेहतर प्रयास करने जरूरी

सर्विस प्रोग्रेस लेवल के 2400 अंक हैं। सर्टिफिकेशन के भी 1800 अंक हैं। इसमें गार्बेज फ्री सिटी के 1100 अंक, सर्टिफिकेशन के शेष 700 अंक ओडीएफ, ओडीएफ प्लस-प्लस और जल संरक्षण पर हैं। अगर शहर को ये सर्टिफिकेट भी नहीं मिले तो यहां के अंक भी खत्म हो जाएंगे। इसके लिए नगर परिषद के साथ साथ लोगों को भी कमर कसनी होगी। जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण में दादरी को सफलता मिल सके। 2020 में मिला फास्टेस्ट मूवर सिटी का अवार्ड

उल्लेखनीय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में वर्ष 2018 में दादरी को 414वां स्थान मिला था। जबकि 2019 में शहर की रैंकिग 850 पर पहुंच गई थी। वर्ष 2020 में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में दादरी ने बीते वर्षों के नतीजों में सुधार करते हुए पूरे देश में 11वां तथा उत्तर भारत के शहरों में पहला स्थान हासिल किया था। जिसके चलते दादरी को फास्टेस्ट मूवर सिटी अवार्ड भी दिया गया। अव्वल रैंकिग के किए जा रहे प्रयास : चेयरमैन

दादरी नगर परिषद चेयरमैन संजय छपारिया ने बताया कि दादरी शहर को अव्वल रैंकिग दिलवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा जागरूकता रैली भी निकाली जा रही है। पॉलीथिन के प्रयोग को बंद करने के लिए कपड़े के थैले बांटे जा रहे हैं। सड़कों पर कचरा न फेंका जाए, इसके लिए घरों में कूड़ेदान वितरित किए जाएंगे। दुकानदारों को भी सड़क पर कचरा न फेंकने के लिए जागरूक किया जा रहा है।


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