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आइएमए का विरोध, ओपीडी रही बंद, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

सुरक्षा को लेकर चितित डाक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल की। उनकी तरफ से छह घंटे ओपीडी बंद रखी गई। सिर्फ इमरजेंसी के मरीजों को ही देखा गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 07:43 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 07:43 AM (IST)
आइएमए का विरोध, ओपीडी रही बंद, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
आइएमए का विरोध, ओपीडी रही बंद, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, भिवानी : सुरक्षा को लेकर चितित डाक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल की। उनकी तरफ से छह घंटे ओपीडी बंद रखी गई। सिर्फ इमरजेंसी के मरीजों को ही देखा गया। प्रदेश में आइएमए के आह्वान पर की गई हड़ताल के दौरान डाक्टरों ने अस्पताल के बाहर विरोध जताया। उनकी तरफ से काली पट्टी बांधकर विरोध जताया गया है।

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प्रदेश आइएमए हरियाणा के अध्यक्ष डा. करन पूनिया ने बताया कि आइएमए चिकित्सकों द्वारा पूर्व घोषित 6 घंटे की ओपीडी पूरे देश में बंद रखी गई। इससे पहले 15 जून को पूरे देश के चिकित्सकों ने सफेद कोट पर काले बिल्ले लगाकर मांग दिवस द्वारा एक केंद्रीय सुरक्षा कानून, फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना, अस्पताल को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने के साथ-साथ, अस्पताल व कार्य स्थल पर पुलिस सुरक्षा देने के लिए उपरोक्त मांगे रखी गई थी। इन्हें न मानने पर ही हड़ताल करने का एलान किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की तो अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया जाएगा। किसी भी देश की सरकार सुरक्षा प्रदान ना करे तो यह गलत बात है।

पूर्व आइएमए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजन शर्मा, आइएमए हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष डा. वेद बेनीवाल, डा. पंकज मुटनेजा व डा. रमेश गोयल ने कहा कि यह चिताजनक व अफसोस जनक विषय है कि देश के नागरिकों को सुरक्षा कानून बनवाने हेतु आंदोलन करना पड़ रहा है। धरती के देवदूत कहे जाने वाले डाक्टरों का सड़क पर उतरना उनकी मजबूरी को बयां करता है।

राज्य उपाध्यक्ष डा. अजय महाजन, डा. राधा मोहन अरोड़ा, डा. पुनीता हसीजा व सचिव डा. मुकेश पंवार ने कहा कि पूरे देश में आइएमए द्वारा आंदोलन करना चिता का गंभीर विषय है। सम्भव है घटनाक्रम को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर सरकार को ऐसा कानून बनाने का निर्देश दे सकती है। रेजीडेंट्स, इन्वर्टस व मेडिकल छात्रों के अलावा देश के साढ़े तीन लाख डाक्टर काली पट्टियां बांध कर, काले बैज, काले मास्क लगा विरोध किया।

वित्त सचिव डा. स्वस्ति शर्मा व आइएमए महिला प्रदेश अध्यक्षा डा. वन्दना पूनिया के अनुसार विभिन्न सामाजिक वर्गो ने भी डाक्टरों द्वारा सुरक्षा की मांग को उचित बताया। आइएमए राज्य विशेषज्ञ संघ अध्यक्ष डा. नरेंद्र तनेजा, सचिव डा. संजय सिगला, राज्य आइएमए महिला डाक्टर्स की सचिव डा. अनिता पंवार, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य डा. लवकेश रोहिल्ला, कदम अस्पताल के संचालक डा. प्रमोद आनंद, डा. सतवीर धनखड़ व समस्त डाक्टर्स टीम, डा. किरोड़ीमल गोयल, डा. रमेश खासा, डा. पंकज स्योराण, डा. आनंद कुमार, डा. आरपी शर्मा, ब्रांच अध्यक्ष डा. अजीत गुलिया, डा. ईश्वर गुप्ता, डा. त्रिलोकी गुप्ता ने कहा कि डाक्टरों के साथ आये दिन हो रही हिसा को रोकने के लिए सशक्त कानून लागू किए जाए। बाद में आइएमए ने उपायुक्त जयवीर सिंह आर्य को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।


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