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अब दूषित पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करके ही डाला जाएगा तालाबों में

ग्रामीण क्षेत्र के दूषित पानी को अब प्राकृतिक तरीके से साफ करके ही तालाबों में डाला जाएगा और इस पानी का प्रयोग गांव में ही पार्क एवं स्कूल के पौधों बागवानी सहित कृषि कार्य में किया जाएगा। गांव में दूषित पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके चलते सरकार ने गांव के दूषित पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 06:37 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 06:37 AM (IST)
अब दूषित पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करके ही डाला जाएगा तालाबों में

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : ग्रामीण क्षेत्र के दूषित पानी को अब प्राकृतिक तरीके से साफ करके ही तालाबों में डाला जाएगा और इस पानी का प्रयोग गांव में ही पार्क एवं स्कूल के पौधों, बागवानी सहित कृषि कार्य में किया जाएगा। गांव में दूषित पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके चलते सरकार ने गांव के दूषित पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस के बाद उपायुक्त राजेश जोगपाल ने वीरवार को यह जानकारी दी। उपायुक्त ने कहा कि पुराने समय में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़ी सावधानी से पानी का प्रयोग करते हुए जल संरक्षण का कार्य करते थे। जैसे जैसे आधुनिकता आई हम जल संरक्षण की परंपरा को भूल गए और इसी कारण से आज पूरी दुनिया में जल संकट को लेकर चिता बढ़ी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में व्यर्थ एवं दूषित पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करके दोबारा प्रयोग करने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है। मुख्यालय भिजवाई जाएगी परियोजना

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उपायुक्त ने कहा कि परियोजना तैयार करके मुख्यालय को भिजवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गांवों की गलियों से बहकर तालाबों में जाने वाले दूषित पानी को प्राकृतिक तरीके से पहले ही साफ कर लिया जाएगा। साफ होने के बाद ही पानी तालाब में पहुंचेगा। तालाब में पहुंचने वाले इस साफ पानी का प्रयोग भी सुनिश्चित किया जाएगा। योजना के तहत जरूरत के अनुसार सोखता गड्ढ़ा और अन्य तालाब बनाने का कार्य भी किया जा सकता है। उपायुक्त ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंस में दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी गांवों में शिवधाम योजना के तहत शमशान घाटों का लंबित कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशों के अनुसार अगर किसी आढ़ती को आढ़त का भुगतान देरी से हुआ है तो उसे देरी के समय का ब्याज भी मिलेगा। वीडियो कांफ्रेंस में नगराधीश अमित मान, पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र कुंडू, दीवान सिंह भी उपस्थित रहे।


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