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अब मुफ्त नहीं होगा पुशओं का बीमा, अनुसूचित जाति पशुपालकों को भी देने होंगे जार्च

अनुसूचित जाति पशुपालकों के पशुओं का बीमा अब मुफ्त नहीं बल्कि भ्रष्ट

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 01:10 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:12 AM (IST)
अब मुफ्त नहीं होगा पुशओं का बीमा, अनुसूचित जाति पशुपालकों को भी देने होंगे जार्च
अब मुफ्त नहीं होगा पुशओं का बीमा, अनुसूचित जाति पशुपालकों को भी देने होंगे जार्च

सुरेश मेहरा, भिवानी : अनुसूचित जाति पशुपालकों के पशुओं का बीमा अब मुफ्त नहीं बल्कि भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर 10 रुपये चार्ज देना होगा। विभाग के महानिदेशक ने इस बारे में पत्र जारी करते हुए तर्क दिया है कि पीछे की तारीखों बीमा करवा कर कुछ पशुपालक क्लेम ले लेते हैं। उसे रोकना जरूरी है। हालांकि सरकार के सर्कुलर में अनुसूचित जाति पशु पालकों के पशुओं का बीमा मुफ्त करने की बात कही गई है। पशुपालक इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या अनुसूचित जाति पशुपालकों के पशु बीमा में ही भ्रष्टाचार होता है अन्य में नहीं। अनुसूचित जाति पशुपालकों के पशुओं का बीमा अब से पहले मुफ्त होता रहा है। अनुसूचित जाति पशुपालकों से पशु बीमा के नाम पर जो चार्ज लेने का निर्णय लिया है इससे पशुपालकों में रोष है। पशुबीमा के लिए लिया चार्ज पशु कल्याण समिति में जमा होगा

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अनुसूचित जाति पशुपालकों के पशुओं का बीमा करवाने के नाम पर ली जाने वाली 10 रुपये की राशि पशु कलयाण समिति में जमा करवाई जाएगी। सामान्य वर्ग के पशुपालकों के पशुओं की बीमा राशि के लिए 100 रुपये लिए जाते हैं। पीछे की तारीखों में बीमा करवाकर क्लेम लेने का अंदेशा

पत्र में संदेह जताया गया है कि पशु बीमा क्लेम लेने के लिए पीछे की तारीखों में बीमा करवा कर क्लेम ले लिया जाता है। ऐसे में भ्रष्टाचार के अवसर रहते हैं। जबकि पशुपालकों का कहना है कि जब बीमा पॉलिसी बन जाती है तो इसमें भ्रष्टाचार कैसे हो सकता है। अगर हो सकता है तो यह तो सामान्य वर्ग में भी बराबर हो सकता है। पॉलिसी ऑनलाइन अपडेट करनी होती है। ऐसे में भ्रष्टाचार संभव नहीं लगता। एचआइबीएल पर उठ रहे सवाल

कई पशुपालकों ने एचआइबीएल (हिदुस्तान इश्योररेंस ब्राकर लिमिटेड) पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले न्यू इंश्योरेंस कंपनी द्वारा बीमा किया जाता था। अब बीच में दलाल के रूप में एचआइबीएल को थौप दिया गया। इसमें भ्रष्टाचार की बू आती है। पहले एचआइबीएल कंपनी का पीओएस बीमा के डाक्यूमेंट अपलोड करता है। इसके बाद न्यू इंश्योरेंस कंपनी बीमा करती है। उन्होंने कहा कि बीच में एचआइबीएल को हटाया जाए। पशुपालक बोले क्या अनुसूचित जाति पशुपालकों के बीमा में ही होता है भ्रष्टाचार

पशुपालक सतबीर सिंह, कुलवीर, रामकुमार, सुनील आदि ने बताया कि क्या अनुसूचित जाति पशुपालकों के पशुओं का बीमा करने में ही भ्रष्टाचार होता है अन्य में नहीं होता। दूसरे 10 रुपये लेकर पशु कल्याण समिति को मजबूत करना है तो यह चार्ज सबके पास लिया जाए। बॉक्स..

अनुसूचित जाति पशुपालकों के पास बीमा करवाने के नाम पर 10 रुपये चार्ज लेने के बारे में अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा निश्शुल्क किया जाता है। हां यह जरूर सुनने में आया है कि पशु कल्याण समिति को मजबूत करने के लिए 10 रुपये चार्ज लिया जाएगा।

जयसिंह, उपनिदेशक

पशुपालन विभाग भिवानी।


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