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नवरात्र के नौ दिनों की पूजा का फल मां अपने भक्तों को प्रदान करती है: अशोक गिरी

आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि के दिन अपराजिता स्त्रोत्र से मां की पूजा की जाती है। माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 07:21 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 07:21 AM (IST)
नवरात्र के नौ दिनों की पूजा का फल मां अपने भक्तों को प्रदान करती है: अशोक गिरी
नवरात्र के नौ दिनों की पूजा का फल मां अपने भक्तों को प्रदान करती है: अशोक गिरी

जागरण संवाददाता, भिवानी: आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि के दिन अपराजिता स्त्रोत्र से मां की पूजा की जाती है। माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता हैं। इनमें माता के सभी रूप समाए होते हैं। माता नवरात्र के नौ दिनों की पूजा का फल अपने भक्तों को प्रदान करती हैं। यह बात सिद्धपीठ बाबा जहर गिरी आश्रम में नौ दिन तक चले हवन यज्ञ के बाद अंतिम दिन पूर्ण आरती के दौरान आश्रम के पीठाधीश्वर महंत अशोक गिरी ने कही। वे शिवशक्ति जन कल्याण सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में हवन यज्ञ करवा रहे थे।

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अशोक गिरी के द्वारा नवमी तिथि को पूजा की पूर्णाहुति यानी पूजा का अंतिम निवेदन और भेंट हवन के रूप में किया गया। माता की पंचोपचार विधि से पान, आ‌र्घ्य, आचमन, स्नान, फूल, अक्षत, चंदन, सिदूर,फल, मिठाई से पूजा की गई। माता के साथ उनके गणों, योगिनियों, गणेश, नवग्रहों, ग्राम देवता, नगर देवता, कुलदेवी और देवता सहित लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है।

गिरी ने बताया कि मां भवानी की पूजा आरती के बाद हवन के साथ पान, सुपारी, नारियल और द्रव्य लेकर पूर्णाहुति दी जाती है। इस अवसर पर संजय शर्मा, मोनिका, कविता, सविता शर्मा, गोपाल बंसल, सुनील गोयल, प्रताप पूर्व सरपंच, महेश व सुरेश सैनी भी उपस्थित थे।


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