कोरोना के साथ अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों की निगरानी, उपचार को बताया जरूरी
तपेदिक मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया के मामले अब भले ही कोविड 19 के कारण कम आ रहे हो लेकिन इनको लेकर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के डीसी ने आदेश दिए है।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : तपेदिक, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के मामले अब भले ही कोविड महामारी के कारण अस्पतालों में कम आ रहे हों, लेकिन इन बीमारियों के मरीजों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है ताकि ये रोगी कोरोना की चपेट में न आ सकें और समय रहते इनका उपचार हो सके। उपायुक्त शिवप्रसाद शर्मा ने मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हालांकि कोविड के कारण मलेरिया, डेंगू, तपेदिक इत्यादि के मरीज सरकारी अस्पतालों में आने अब कम हो गए हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में इस प्रकार के एक-दो मामले आ जाते हैं। इन पर निगरानी रखनी जरूरी है। इनमें से एक भी रोगी को कोरोना का संक्रमण हो गया तो उसकी हालत अधिक बिगड़ सकती है। उपायुक्त ने कहा कि गांवों में जिन सरपंचों ने फोगिग करने की मशीन खरीद ली है और जिन्होंने इसे नहीं खरीदा है, उनकी सूची तैयार की जाए। जिले के लिए फोगिग मुहिम की कार्य योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि तपेदिक से बचाव के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करना आवश्यक है। युवाओं को नशे की लत से दूर रहना चाहिए। जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हें भी इसको छोड़ देना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि तालाबों में गंबुजिया मछली छोड़ी जाए, जिससे मच्छर का लारवा खत्म किया जा सके। नागरिक अपने घर में और आसपास पानी को इकट्ठा न होने दें। जलजमाव वाले गड्ढों को मिट्टी से भर दिया जाए। घरों में सफाई पर ध्यान दिया जाए व कहीं भी नमी न होने दें। उन्होंने कहा कि बच्चों की आनलाइन क्लास में भी उनको एक पाठ मच्छर जनित रोगों की रोकथाम और तपेदिक नियंत्रण का पढ़ाया जाए। बैठक के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी रामौतार शर्मा, डा. संजय गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी गीता सहारण, विश्व स्वास्थ्य संगठन से आई श्वेता अय्यर, डा. चंचल तोमर, डा. सुनैना, दिलबाग सिंह इत्यादि भी मौजूद थे।