जमीन की मलकीयत के नाम पर फंसा मॉडल संस्कृति स्कूल
राजेश कादियान बवानीखेड़ा आधुनिक शिक्षा प्रणाली से रूबरू कराने और आधुनिक सुविधा देने
राजेश कादियान, बवानीखेड़ा:
आधुनिक शिक्षा प्रणाली से रूबरू कराने और आधुनिक सुविधा देने का फैसला विद्यार्थियों के लिए सपने जैसा हो गया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में तबदील किए जाने की घोषणा की जा चुकी है। इसके लिए स्कूल प्रशासन विभाग की ओर से जारी सभी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट भी गया है। विडंबना यह है कि स्कूल की जमीन विद्यालय प्रशासन के पास नहीं है। इसी वजह से मामला फंस गया है। स्कूल प्रशासन इस शर्त को पूरा कराने के लिए नगर पालिका प्रशासन, तहसीलदार और भिवानी के डीएमसी तक को पत्र लिख चुका है, लेकिन एक विभाग दूसरे विभाग पर जिम्मा डालकर पल्ला झाड़ रहा है। स्कूल प्रशासन की ओर से बार-बार अनेक विभागों को पत्र लिखे जाने के बावजूद अब तक इस बारे में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इससे स्कूल प्रशासन की ओर से अमल में लाई जा रही सभी आवश्यक शर्तों के पूरा करने में परेशानी आ रही है। घोषणा बनकर रह गई योजना
ध्यान रहे कि शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों कस्बा बवानीखेड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को मॉडल संस्कृति स्कूल में बदले जाने के लिए पत्र जारी किया था। मॉडल संस्कृति स्कूल के लिए सीबीएसई की ओर से मान्यता ली जानी है। स्कूल प्रशासन की ओर से मान्यता की शर्तो में शामिल फायर सेफ्टी और स्कूल का ढांचे के लिए एनओसी प्रमाण-पत्र लेना है। इसमें शर्त यह थी कि परिसर की जमीन स्कूल के नाम होनी चाहिए। जबकि यह जमीन नगर पालिका के नाम दर्ज है। स्कूल प्रशासन इन शर्तो को पूरा करने के लिए नगर पालिका से बदलाकर स्कूल प्रधानाचार्य के नाम कराना चाहता है। विभाग झाड़ रहे पल्ला
लंबे समय से यहां के प्रशासन की ओर से नगर पालिका प्रशासन, तहसील प्रशासन और भिवानी के डीएमसी से स्कूल की जमीन प्रधानाचार्य के नाम कराने के लिए इनके कार्यालयों के कई बार चक्कर काट चुका है। जिस भी विभाग में संपर्क किया जाता है तो विभाग के अधिकारी एक-दूसरे का काम बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इसके चलते मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा प्राप्त करने में स्कूल प्रशासन को देरी तो हो ही रही है साथ-साथ यहां के शिक्षक भी कार्यालयों के चक्कर काट कर थक चुके हैं। डीएमसी तक को लिख चुके पत्र
प्रधानाचार्या संतोष भाकर ने बताया कि नगर पालिका से स्कूल के नाम जमीन कराने के लिए वे नगर पालिका प्रशासन से लेकर भिवानी के डीएमसी तक को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन इस बारे में कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही। इससे स्कूल प्रशासन को काफी दिक्कत महसूस हो रही है और स्कूल को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा मिलने में भी देरी संभव है। वर्जन
स्कूल को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा मिला है। सीबीएसई से मान्यता लेने के लिए शर्र्तो को पूरा किया जा रहा है, लेकिन इनमें एक शर्त ऐसी है कि स्कूल की जमीन प्रधानाचार्य के नाम होनी चाहिए, लेकिन यहां के स्कूल की जमीन नगरपालिका के नाम है। जब यह जमीन स्कूल के नाम हो जाएगी तो एनओसी मिलेगी।
संतोष भाकर, प्रधानाचार्या, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय