छठी के प्रश्नपत्र में भी मिलीं गलतियां, विभाग की साख दांव पर
तोशाम एक तरफ प्रदेश का शिक्षा विभाग सक्षम योजना चलाकर शिक्षा व्यवस्था को सुधार
संवाद सहयोगी, तोशाम : एक तरफ प्रदेश का शिक्षा विभाग सक्षम योजना चलाकर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का अभियान चलाए हुए है, दूसरी तरफ विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा के प्रति गंभीर नही लग रहा है। वार्षिक परीक्षा के लिए प्रदेश स्तर पर तैयार प्रश्न पत्रों को देखकर तो ऐसा ही लगता है। प्रदेश में 11 मार्च से शुरू हुई मौलिक शिक्षा विभाग की परीक्षाओं के लिए तैयार प्रश्न पत्रों में भारी गलतियां मिली है।
सोमवार को हुई कक्षा छठी के गणित के प्रश्न पत्र को देखकर ऐसा लगता था कि किसी विषय विशेषज्ञ की बजाय किसी नौसिखिये से पेपर को बनवाया गया है। बहुत सारे प्रश्न सिलेबस से बाहर के थे तो कुछ सवालों को ही ठीक तरह से नहीं लिखा गया था। तीन अंकों का प्रश्न संख्या 34 तथा 36 पूरी तरह से गलत लिखे गए थे। वहीं प्रश्न 6, 22 व 45 तो कक्षा सातवीं व आठवीं के सिलेबस से पूछे गए थे। इसी तरह की गलतियां कक्षा आठवीं के गणित विषय के प्रश्न पत्र में थी। बहुत सारे प्रश्न कक्षा दसवीं के स्तर के थे। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश सचिव कुलदीप भट्ट,गणित अध्यापक ललित महतानी, अनिल सांगवान, राजेश कुमार, सुरजभान,बलवान, जितेन्द्र, ओमप्रकाश, मनोज आदि ने कहा है कि वार्षिक परीक्षाओं के लिए तैयार प्रश्न पत्रों को देखकर लगता है कि यह प्रश्न पत्र किसी गैर जिम्मेदाराना तरीके से तैयार किया गया है। इससे प्रदेश में जहां शिक्षा विभाग की छवि को नुकसान हुआ है वहीं ब?च्चे भी असमंजस में रहते है। उन्होंने प्रदेश के शिक्षा बोर्ड व पेपर तैयार कराने वाली संस्था एससीईआरटी गुरूग्राम को पत्र भेजकर प्रश्न पत्र की गलतियों की जांच करवाकर इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की गलतियां दोहराई न जाए।