देशी खाद से उन्नत फसल में अग्रणी बना नांधा का किसान मंजीत
पवन शर्मा, बाढड़ा : पेड़-पौधों का विकास उसकी देखरेख पर निर्भर करता है। उसकी जितनी ज्य
पवन शर्मा, बाढड़ा :
पेड़-पौधों का विकास उसकी देखरेख पर निर्भर करता है। उसकी जितनी ज्यादा देखभाल होगी उसका उतना ही बेहतर विकास होगा। यह कहना है गांव नांधा निवासी मंजीत का। उन्होंने बताया कि फसलों, सब्जियों में बेहतर पैदावार के लिए रासायनिक खादों की बजाय देशी खाद का प्रयोग किया जाए तो मुनाफा दोगुणा प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन लेने की चाहत में रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग करने वाले किसान इस अनाज का प्रयोग करेंगे तो स्वयं ही गंभीर रोग से पीड़ित होंगे। लेकिन जागरुकता से इसी भूमि में देशी खादों से उन्नत फसलों का उगाकर हम रोगमुक्त जीवन यापन कर सकते है। गांव नांधा निवासी कुलदीप श्योराण ने युवावस्था में ही नौकरी करने की बजाए अपनी पैतृक 6 एकड़ भूमि पर खेतीबाड़ी शुरु की थी लेकिन आरंभ में ज्यादा मुनाफा नहीं आने से उसका हौंसला जवाब दे गया। इसी दौरान उसको एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद् ने खेती के साथ अलग अलग किस्मों के पेड़-पौधे लगाने के प्रति प्रेरित किया। उसी की सोच को मंजीत कुमार ने अपने खेत में अमलीजामा पहनाया और पशुपालन से मिलने वाली देशी खाद के सहारे परंपरागत फसलों के साथ ही सब्जियों की भी खेती शुरु की। इससे फसलों की छमाही आमदनी के अलावा सब्जी से प्रतिदिन मिलने वाले मुनाफे ने उसके जीवन में खेतीबाड़ी के प्रति नए उत्साह का संचार किया और फिर उन्होंने खेत में ही देशी कीकर व शीशम का पेड़ लगाए जो अब बड़े-बड़े पेड़ों में तब्दील हो गए हैं। इन पेड़ों से खेत में हर सीजन में चारों तरफ हरा भरा नजर आता है और विशालकाय पेड़ बहुत ही कीमती होने के कारण भविष्य में कुलदीप के लिए सोने पर सुहागा साबित होंगे। किसान मंजीत ने बताया कि उन्होंने रासायनिक खादों की बजाए सदैव पशुओं के गोबर से देशी खाद व केंचुआ खाद का प्रयोग किया है और साथ लगते खेतों से ज्यादा उत्पादन मिल रहा है। उनके उत्पादन से प्रेरित होकर अन्य किसान भी उनकी तरह अब खेतीबाड़ी के साथ पशुपालन व सब्जियों का उत्पादन कर खूब मुनाफा कमा रहे हैं।
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जागरूकता से बनाएं सुरक्षित भविष्य
किसान मंजीत नांधा ने कहा कि किसान मामूली जागरुकता से अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकता है। आज किसान उन्नत किस्मों की फसलों के अलावा पशुपालन से होने वाले दुग्ध उत्पादन व समय-समय पर सीजनल सब्जियों का उत्पादन कर दैनिक आमदनी पा सकता है। इससे वह अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ ही नगदी राशि से बचत योजनाओं में शामिल हो सकता है। प्रदेश सरकार ने भी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के अलावा बीमा योजनाएं व फसलों एवं सब्जियों के बीज पर मिलने वाली सब्सिडी से उत्पादन की दिशा में सार्थक प्रयास कर सकता है।