अपनी आदतों में बदलाव करके नई समझ पैदा करते हुए जीवन उपयोगी बनाएं : डा. नीलम
संवाद सहयोगी बहल। कोरोना काल पूरे विश्व के लिए निसंदेह बहुत दुखदाई है और अनेक प्रकार
संवाद सहयोगी, बहल।
कोरोना काल पूरे विश्व के लिए नि:संदेह बहुत दुखदाई है और अनेक प्रकार की समस्याएं लेकर भी आया है। हम अपनी आदतों में बदलाव करके नई समझ पैदा करते हुए जीवन उपयोगी भी बना सकते हैं। कोरोना काल में हमारी बहुत सारी आदतों में बदलाव हुआ है और यह सुधार जीवन के लिए बहुत ही जरूरी था। यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माउंट आबू स्थिति मुख्यालय के ग्लोबल हॉस्पिटल से दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीलम ने गीता भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए। डा. नीलम ने ग्रामीणों को दातों को स्वस्थ बनाए रखने के गुर बताए और अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी श्रेष्ठ बनाने के लिए मनोविज्ञान तथा अध्यात्म की बातों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि आज के समय में मनुष्य मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर होता जा रहा है। छोटी सी बात पर बहुत ज्यादा गुस्सा आने की संभावना बनी रहती है। मनुष्य में गुस्सा और ईष्र्या पैदा होने के कारण सब कुछ होते हुए भी अभावग्रस्त की जिदगी जी रहा है। चित्त की शांति और अध्यात्म की समझ के अभाव के चलते मनुष्य परेशान रहता है। इंसान आध्यात्म के माध्यम से कर्म करे तो वह निश्चित रह सकता है और कीचड़ में कमल की तरह जी सकता है। इस अवसर पर बीके शकुंतला, बीके पूनम, बीके शीतल, भारती, ऋतु, गोविद शर्मा, रोशन लाल महमिया, मुकेश गरवां, अजय सोनी, सरोज अग्रवाल, मंजीता, अनीता, शीतल, भारती, बीके अशोक, बीके मीनू आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन : गीता भवन में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते डॉ. नीलम