बच्चों और अभिभावकों की चहेती बनी लोहारू की उर्मिला को मिला शिक्षक अवार्ड
एमके शर्मा लोहारू कन्या गुरुकुल में पली-बढ़ी और शिक्षित हुई लोहारू की शिक्षिका उर्मिला
एमके शर्मा, लोहारू: कन्या गुरुकुल में पली-बढ़ी और शिक्षित हुई लोहारू की शिक्षिका उर्मिला को सरकार ने स्टेट अवार्ड से सुशोभित करने का निर्णय लिया है। राज्यपाल के हाथों को शिक्षक दिवस पर यह शिक्षक पुरस्कार पाने के लिए उत्साहित एवं खुश उर्मिला बुधवार को ही चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गईं।
संस्कृत अध्यापिका उर्मिला लोहारू नजदीक राजस्थान की सीमा पर स्थित गांव ढाणी रहिमपुर में नियुक्त हैं। बच्चों के प्रति अपनी प्रगाढ़ समर्पण भावना के कारण वह अभिभावकों में इतनी लोकप्रिय रही हैं कि अपने 20 साल के सेवाकाल में केवल दो ही स्कूलों में अपनी ड्यूटी देती रही हैं। पहला स्कूल उनकी प्रथम ज्वाइनिग के वक्त राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बहल था, जहां उन्होंने करीबन 14 वर्ष 9 दिन तक शिक्षण सेवाएं दीं। दूसरा स्कूल अब यह ढाणी रहिमपुर है, जहां वह 2012 से ड्यूटी करती आ रही हैं।
इसे उनकी जिदगी का संयोग ही कहें कि सन 1999 में शादी के महज 11 दिन बाद ही उन्हें बहल के उक्त स्कूल में संस्कृत शिक्षिका के तौर पर नियुक्ति मिली थी। लेकिन 20 साल तक संस्कृत शिक्षिका के पद पर रहते हुए उन्हें अभी तक भी पदोन्नति नहीं मिलने का मलाल है।
बाढड़ा क्षेत्र के गांव रूदड़ौल में गरीब किसान करतार सिंह के घर पैदा हुई उर्मिला के 4 भाई व एक बहन हैं। वह स्वयं तथा बहन सत्यसुधा दोनों कन्या गुरूकुल जसात गुरुग्राम से पढ़ी हुई हैं। सत्यसुधा भी कादमा के राजकीय विद्यालय में संस्कृत अध्यापिका हैं। पति चिरंजीलाल राजस्थान सरकार में गणित अध्यापक हैं।
यह स्टेट अवार्ड हासिल करने की प्रेरणा कहां से मिली, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि बीईओ शक्तिपाल, मुख्याध्यापक इंद्रपाल, शिक्षक नवनीत व जितेंद्र ने बहुत प्रेरित किया। अवार्ड की सबसे पहले सूचना किसने दी, के सवाल पर उन्होंने बताया कि पंचकूला शिक्षा सदन के मौलिक शिक्षा अधिकारी महेश्वर शर्मा ने उन्हें फोन पर आज बधाई देते हुए यह जानकारी दी।