बारह गांवों पर मंडराती रही टिड्डियां, डीजे, थाली, ताली बजाकर लोगों ने उतरने से रोका
पड़ोसी राज्य राजस्थान से आए तीन किलोमीटर लंबे टिड्डी दल ने बाढड़
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : पड़ोसी राज्य राजस्थान से आए तीन किलोमीटर लंबे टिड्डी दल ने बाढड़ा क्षेत्र में खड़ी नरमा, ग्वार, बाजरा की फसलों पर धावा बोल दिया। लेकिन पहले से ही सचेत किसानों की एकजुटता से टिड्डी दल नुकसान नहीं कर पाया। टिड्डियों के झुंड को गांव कादमा धनासरी सीमा से प्रवेश करते ही किसानों ने तेज आवाज में डीजे बजाकर व थालियों, तालियों की ऊंची आवाजों से उनको भगाने का काम किया। एक घंटे तक क्षेत्र के बारह से ज्यादा गांवों के ऊपर आसमान में टिड्डियां मंडराती रही। वहीं एसडीएम के दिशा-निर्देश पर कृषि विभाग की टीमें ग्रामीणों को सचेत करने व रात्रि में उनके झुंड एक जगह बैठने पर छिड़काव कर मारने की योजना में जुटा रहा।
शनिवार को कृषि विभाग ने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को मैसेज भेजा कि राजस्थान से आया टिड्डी दल सतनाली क्षेत्र में पहुंचने के बाद अब किसी समय कादमा, धनासरी सीमा से आ सकता है। इसलिए वह अपने अपने खेतों की मेढों पर खड़े होकर उन टिड्डियों को प्रवेश करने से पहले ही भगाएं। इसकी जानकारी मिलते ही युवा डीजे लगाकर खेतों में पहुंच गए वहीं अन्य किसान जगह-जगह खड़े होकर थाली एवं ताली बजाने लगे। ज्योंही हवा के रुख के साथ टिड्डियों ने प्रवेश किया तो किसानों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। जिससे कहीं कहीं तो टिड्डियां रुकी लेकिन तेज आवाज से वे भी उड़ गई। यही क्रम निमड़ बड़ेसरा, कान्हड़ा, मांढी तक चलता रहा जो बाद में बिद्राबन तक पहुंच गया। बेरला के बाद टिड्डियों का दल दो हिस्सों में बंट गया। एक दल हड़ौदा हड़ौदी तो दूसरा मांढी केहर, मांढी पिरानु के क्षेत्र में पहुंच गया। कई खेतों में किसान नहीं पहुंचे तो वहां टिड्डियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू किया। लेकिन बाद में ग्रामीणों ने पहुंच कर छिड़काव किया और कई टिड्डियां मौके पर ही मर गई। ग्रामीणों को जागरूक करने में जुटी टीमें
कृषि विभाग के प्रोजेक्ट अधिकारी डा. संदीप श्योराण ने बताया कि दादरी के एसडीओ डा. कृष्ण कुमार, बीएओ डा. संजीव वर्मा व राजस्व विभाग, पंचायत विभाग की टीमें लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं और दिन में इनके पास जाने पर यह दोबारा उड़ जाती हैं। रात्रि को जब ये किसी एक जगह पर बैठेंगी तो फायर ब्रिगेड से जहरीली दवाओं का छिड़काव कर ही इनको नष्ट किया जा सकता है।