चरखी दादरी जिले के जितेंद्र फौगाट का गुगल में सिलेक्शन, मिलेंगे 1.8 करोड़ रुपये सालाना
सोनू जागड़ा चरखी दादरी बिना लक्ष्य के जीवन आधारहीन नीरस और बोझ सा लगने लगता है। यदि हम लक्ष्य निधा
सोनू जागड़ा, चरखी दादरी
बिना लक्ष्य के जीवन आधारहीन, नीरस और बोझ सा लगने लगता है। यदि हम लक्ष्य निर्धारित करके चलते हैं, तभी हम जीवन में सफलताओं को प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है दादरी जिले के गाव समसपुर निवासी जितेंद्र फौगाट ने। शुरू से ही उनका सपना गूगल में जाने का था। जितेंद्र फौगाट उर्फ जीतू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दादरी के केएन स्कूल से की। उसके बाद लिंगायस कालेज से इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीटेक करने के बाद सिर इंफोसिस कंपनी चंडीगढ़ में कुछ समय तक सेवाएं दी। जितेंद्र बाद में यूनिवíसटी आफ टेक्सास आस्टिन में उच्च शिक्षा के लिए यूएसए चला गया था। गूगल में नौकरी मिलना जितेंद्र के लिए एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि गूगल में 0.2 फीसद ही इस परीक्षा में पास होते हैं। इस सफलता पर जितेंद्र के पिता रणवीर फौगाट ने बताया कि उसके बेटे का सपना गूगल में जाने का था। इसके लिए उसने सात से आठ घटे प्रतिदिन कठिन मेहनत की। करीब सात महीने की तैयारी के बाद उसने अप्लाई किया। जितेंद्र फौगाट ने कहा कि वे बहुत खुश और उत्साहित हैं कि उनका चयन गूगल में हो गया।
जितेंद्र ने बताया सपना सच होने के साथ ही उन्हें 1.8 करोड़ रुपये का अच्छा पैकेज मिला है। वे अपने कार्य के माध्यम से दुनिया भर के लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करेंगे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत, शिक्षकों व स्वजनों के आशीर्वाद को दिया है। उन्होंने कहा कि वे सदैव अपने क्षेत्र के युवाओं के मार्गदर्शन के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
बता दें कि गाव समसपुर निवासी जितेंद्र फौगाट के पिता रणवीर फौगाट कुछ दिनों पहले ही अंग्रेजी प्राध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। जितेंद्र की माता रोशनी देवी गृहिणी है। उनकी बहन रवीना एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद रोहतक मेडिकल कालेज में गायनोलाजिस्ट में एमडी कर रही हैं।