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रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट को गठित हुए अर्सा बीता, अभी तक है खजाना खाली

राजेश कादियान बवानीखेड़ा ग्रामीणों के सामाजिक आर्थिक विकास एवं बुजुर्गों को सेहतमंद रखन

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 09:02 AM (IST)
रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट को गठित हुए अर्सा बीता, अभी तक है खजाना खाली
रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट को गठित हुए अर्सा बीता, अभी तक है खजाना खाली

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा

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ग्रामीणों के सामाजिक, आर्थिक विकास एवं बुजुर्गों को सेहतमंद रखने के लिए गठित किए गए रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट को गठित हुए लंबा अर्सा बीत चुका है। हालांकि अभी तक इस ट्रस्ट का खजाना खाली ही है। ट्रस्ट में अभी तक एक भी पैसा न होने के चलते ग्रामीणों के विकास एवं बुजुर्गों की सेहत का ख्याल रखना मुश्किल हो पा रहा है। यहां के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से शीघ्र ही ट्रस्ट में पैसा भेजने की मांग कि है ताकि उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा गठित किए गए इस ट्रस्ट की सुविधाएं हासिल हो सकें। ध्यान रहे कि गांव रोहनात को आजादी के दीवानों के नाम से जाना जाता है। यहां के ग्रामीणों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों से जम कर लोहा लिया और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी थी। ग्रामीणों की इसी जाबांजी को सम्मान देते हुए 23 मार्च वर्ष 2018 को मुख्यमंत्री ने गांव में आगमन पर रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट गठित किए जाने की घोषणा की थी। हालांकि यह ट्रस्ट बना भी दिया गया है और बताया गया है कि ट्रस्ट के चेयरमैन स्वयं मुख्यमंत्री हैं और गांव के सरपंच सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को इसका सदस्य बनाया जा चुका है। जुलाई माह में विडियो कांफ्रंस के माध्यम से मुख्यमंत्री ने इस ट्रस्ट के गठन के बारे में ग्रामीणों को बताया था। शुरूआती दौर में मुख्यमंत्री द्वारा इस ट्रस्ट में एक करोड़ रूपये की राशि जारी करने की घोषणा की थी। ट्रस्ट के माध्यम से जहां ग्रामीणों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होना है वहीं 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का ट्रस्ट के माध्यम से नि:शुल्क इलाज की सुविधा भी दी जानी है। लेकिन अभी तक ट्रस्ट को कोई पैसा नहीं मिल पाया है। इसके चलते ग्रामीण बड़ी बेसब्री से ट्रस्ट में पैसा आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे सुविधाओं का लाभ उठा सकें। गांव रोहनात के 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग जागर सिंह, लक्ष्मी, प्रेम, सतबीर, बलवंत, चमेली आदि ने बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से गांव के बुजुर्गों का नि:शुल्क इलाज होना है। वे कई बार अनेक बीमारियों से घिर चुके हैं। लेकिन ट्रस्ट में पैसा न होने के चलते उन्हें अपने खर्चे पर ही अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि गांव की करीब 4688 आबादी है। इसमें करीब 60 वर्ष से अधिक आयु के 700 बुजुर्ग हैं। बुजुर्गों को स्वास्थ्य को लेकर किसी न किसी परेशानी से अक्सर गुजरना पड़ता है। सरकार को चाहिए की जल्द ही ट्रस्ट में पैसा भेजा जाए ताकि वे अपना ठीक ढंग से उपचार करा सकें। निवर्तमान सरपंच रीनू देवी ने बताया कि रोहनात फ्रीडम ट्रस्ट का गठन हो चुका है। लेकिन अभी तक इस ट्रस्ट में पैसा नहीं आया है। गांव के बुजुर्ग रोजाना उपचार के लिए पैसा के बारे में पूछताछ करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैसा न आने के चलते बुजुर्गों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।


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