विश्व महिला चिकित्सा दिवस : महिलाओं में बढ़ रही खून की कमी, जागरूकता और सुविधाओं की दरकार
जागरण संवाददाता भिवानी महिलाओं में खून की कमी उनके उत्तम स्वास्थ्य में बाधक साबित हो रही
जागरण संवाददाता, भिवानी : महिलाओं में खून की कमी उनके उत्तम स्वास्थ्य में बाधक साबित हो रही है। अस्पताल आने वाली ज्यादातर महिलाएं इसकी शिकार होती हैं। इसके लिए उत्तम भोजन की कमी सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। इसके अलावा महिलाओं में बच्चे दानी और ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी भी लगातार बढ़ रही हैं। प्रतिदिन 500 से 1000 महिलाएं उपचार के लिए पहुंच रही
महिलाएं प्रतिदिन 500 से 1000 तक उपचार के लिए प्रतिदिन अस्पतालों में पहुंच रही हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए आने वाली महिलाओं की संख्या भी बहुत ज्यादा होती हैं। काम का बोझ और खुद के प्रति लापरवाही जिम्मेदार
महिला विशेषज्ञ डा. चंचल धीर बताती हैं कि महिलाएं अपने ही स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं होती। इसके चलते ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। महिलाओं में सबसे ज्यादा रोग खून की कमी का है। खून की कमी होने दूसरे कई रोग हो जाते हैं। महिलाओं का जीवन इतना ज्यादा व्यस्त होता है कि वे अपनी सेहत का ध्यान खुद ही नहीं रख पा रही हैं। खान पान और आहार विहार का ध्यान रखना उनकी प्राथमिकता होना चाहिए। इसके अलावा वह परिवार के पुरुषों से भी आग्रह करना चाहेंगी कि महिलाएं घर की लक्ष्मी होती हैं उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने में वे भी पूरा योगदान दें। ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता की ज्यादा जरूरत
डा. चंचल धीर बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान की ज्यादा जरूरत है। इसके साथ ग्रामीण हेल्थ सेंटरों पर सुविधाएं भी ज्यादा होंगी तो महिलाओं का स्वास्थ्य रह सकेगा। वर्तमान में महिलाओं का बिगड़ता स्वास्थ्य चिताजनक है। महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान और उसके लिए जरूरी सुविधाएं बढ़ाई जाने की दरकार है।