18 घंटे में कहीं रिमझिम तो कहीं जमकर बरसे बदरा
मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है और रविवार आधी रात से रुक-रुक कर कहीं रिमझिम तो कहीं जमकर बरसात हुई।
जागरण संवाददाता, भिवानी :
मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है और रविवार आधी रात से रुक-रुक कर कहीं रिमझिम तो कहीं जमकर बरसात हुई। जिले की बात करें तो लोहारू में सबसे ज्यादा 20 एमएम बरसात दर्ज की गई। शहर में निचले इलाकों में बरसात से सड़कों, गलियों में जलजमाव से परेशानी रही। विशेष कर दुपहिया वाहन परेशान रहे। बरसात के साथ शीत लहर भी चलती रही जिससे लोग घरों में दुबकने को मजबूर हुए। सबसे कम बरसात तोशाम में बूंदाबांदी रही। शनिवार को बरसात के मौसम के बीच ही छात्राओं को गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी करनी पड़ी। मौसम विज्ञानियों के अनुसार रविवार को भी बरसात की संभावना है और शीतलहर का प्रकोप भी जारी रहेगा। बरसात से सड़कों और गलियों में जलजमाव :
बरसात के चलते हनुमान गेट, बावड़ी गेट, रोहतक गेट, महम गेट, घंटाघर, हांसी गेट, दिनोद गेट आदि के अलावा शिवनगर, पुराना हाउसिग बोर्ड, जीतुवाला जोहड़ क्षेत्र श्हर के निचले इलाकों में बरसात का पानी जमा होने से नागरिक परेशान रहे। शीत लहर ने खूब ठिठुराया, अलाव बने सहारा :
दिनभर शीत लहर चलने के लिए ठंड से बचने के लिए लोगों के लिए अलाव सहारा बना वहीं अधिकतर लोग ठंड से बचने के लिए घरों में ही दुबके रहे। शीतलहर के चलते न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री तो अधिकतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस रहा। अनाज मंडी में रखी कपास भीगी :
अनाज मंडी में किसानों व आढ़तियों की रखी कपास भी बरसात में भीग गई। हालांकि आढि़यों और किसानों ने कपास की ढेरियों को ढकने का प्रयास भी किया पर शेड के किनारे रखी कपास की ढेरियां भी गई। इससे किसान और आढ़ती चितित नजर आए। जिला में इस प्रकार हुई बरसात :
भिवानी -- 4 एमएम
बवानीखेड़ा -- 4 एमएम
सिवानी -- 4 एमएम
लोहारू -- 20 एमएम
बहल -- 6 एमएम फसलों के फायदेमंद है बरसात :
यह बरसात फसलों के लिए विशेष सरसों, गेहूं, जौ और चना आदि के लिए रामबाण है। बरसात के बाद पाले की संभावना कम हो जाती है। पाले से ही फसलों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसलिए अब जो बरसात हुई है यह फसलों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है।
बलबीर शर्मा, कृषि अधिकारी
कृषि विभाग भिवानी।