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अगर शिक्षा प्रणाली जीवन जीने की कला नहीं सिखाती तो वह अपूर्ण है: साध्वी कीर्तिरेखा

जागरण संवाददाता भिवानी वैश्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सभागार में अणुव्रत उद्बोधन स

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 07:15 PM (IST)
अगर शिक्षा प्रणाली जीवन जीने की कला नहीं सिखाती तो वह अपूर्ण है: साध्वी कीर्तिरेखा
अगर शिक्षा प्रणाली जीवन जीने की कला नहीं सिखाती तो वह अपूर्ण है: साध्वी कीर्तिरेखा

जागरण संवाददाता, भिवानी : वैश्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सभागार में 'अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह' के तहत आयोजित अनुशासन दिवस के अवसर पर अध्यक्ष शिवरत्न गुप्ता ने साध्वी कीर्तिरेखा व इंदुयशा का विद्यालय आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि अगर विद्यार्थी अपने जीवन में संस्कारों का निर्माण करना चाहते है तो बड़ों का अनुसरण करें। उनके सद् विचारों को अपने जीवन में उतारें। विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन का वह समय है जो उन ऊंचाइयों तक ले जा सकता है जिसे सोचकर ही हम रोमांचित हो उठते है। अणुव्रत में इतनी शक्ति है कि वह परमाणु का रूप लेकर हमारा जीवन सकारात्मक बना सकता है। इस अवसर पर साध्वी कीर्तिरेखा व इंदुयशा ने अपने प्रवचनों के माध्यम से विद्यार्थियों को अनुशासन, अहिसा व नैतिकता का पाठ पढ़ाया। साध्वी कीर्ति रेखा ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में लक्ष्य का निर्धारण अवश्य करना चाहिए।

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उन्होंने शांतचित्त, पवित्र व करुणामयी हृदय व पुरुषार्थी हाथों के महत्व को बताते हुए कहा कि इनके माध्यम से व्यक्ति अपनी मंजिल को अवश्यमेव ही प्राप्त कर सकता है। साध्वी ने विद्यार्थियों को अणुव्रत के चार प्रमुख नियमों के संकल्प भी करवाए।

महासचिव बृजलाल सर्राफ ने अनुशासन, अहिसा व अणुव्रत को जिदंगी का सार बताते हुए कहा कि स्वानुशासन ही सर्वोत्तम अनुशासन है जिसे प्रत्येक व्यक्ति को अपनाना चाहिए। कोषाध्यक्ष पवनकुमार बुवानीवाला ने कहा कि तेजी से बदलते हुए समय को ध्यान में रखते हुए आज विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों पर बल देना परम आवश्यक है। अणुव्रत महासमिति के निवर्तमान अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने साध्वी कीर्तिरेखा व इंदुयशा का परिचय करवाते हुए 'अणुव्रत का मानव जीवन में महत्व' पर प्रकाश डाला। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष रविद्र लाखौटिया ने कहा कि हमें ज्ञानवर्धक व नीतिपरक पुस्तकें अवश्य पढनी चाहिए ताकि हम नैतिकता की राह पर चलते हुए जीवन को सुन्दर व सुखद बना सकें।

अणुव्रत समिति के वर्तमान संरक्षक रमेश बंसल ने कहा कि जहां 'अनुशासन नहीं वहां प्रगति नहीं'। इस अवसर पर बृजेश आचार्य (पूर्व मंत्री अणुव्रत समिति), प्रदीप मिश्रा, टेकचन्द जैन, निदेशक ओपी जोशी, प्राचार्या कमला गुरेजा, रजनी भुटानी, ममता सिगला व अनेक अध्यापक-अध्यापिकाओं ने साध्वी श्री के प्रवचनों को ध्यानपूर्वक सुना।


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