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फसलों की खेती छोड़ किसानों को भा रही बागवानी

संदीप श्योराण चरखी दादरी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 06:40 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:40 AM (IST)
फसलों की खेती छोड़ किसानों को भा रही बागवानी
फसलों की खेती छोड़ किसानों को भा रही बागवानी

संदीप श्योराण, चरखी दादरी : किसानों को आत्मनिर्भर बनाने व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत किसानों को फलदार पेड़ों का बाग लगाने पर सब्सिडी भी दी जा रही है। जिसके चलते दादरी जिले के किसानों का परंपरागत खेत से बागवानी की ओर रुझान बढ़ता जा रहा है। इस मानसून सीजन जिले में अब तक डेढ़ सौ से अधिक एकड़ में किसान अमरुद, अनार व नींबू वर्गीय फलों के बाग लगा चुके हैं। वहीं बाग लगाने के लिए वर्तमान में उपयुक्त समय चल रहा है जिसके चलते बागवानी के क्षेत्र में और भी इजाफा हो सकता है। कुछ समय पहले तक किसान अपने खेतों में परंपरागत रूप से कपास, बाजरा, गेहूं, सरसों आदि की खेती करते आए हैं। जिसके लिए किसानों को अधिक मेहनत, खर्च करने पर अच्छी आमदनी नहीं हो पाती है। इसी के चलते किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है। जिसके लिए किसानों को मेहनत के साथ खर्चा भी कम करना पड़ता है और परंपरागत खेती की तुलना में इनकम भी अच्छी खासी हो जाती है। इसी का परिणाम है कि जिले के किसान बागवानी को महत्व दे रहे हैं और बेर, अमरुद, अनार, नींबू, किन्नू,माल्टा इत्यादि के बागों के जरिए कमाई कर समृद्ध हो रहे हैं। बागवानी करने वाले किसानों की कमाई से दूसरे किसान भी प्रभावित हो रहे हैं और इसी का परिणाम है कि जिले में बागवानी का क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है। बाक्स:

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इस सीजन 172 एकड़ में लगाए गए बाग

मौजूदा मानसून सीजन के दौरान जिले के किसानों ने बागवानी में काफी रुचि दिखाई है। जिसके चलते किसानों द्वारा 172 एकड़ में बाग लगाए गए हैं। जिसमें 74 एकड़ अमरूद के बाग, 49 एकड़ अनार व 49 एकड़ में नींबू वर्गीय पौधों के बाग शामिल हैं। बाक्स:

ड्रीप पर भी दी जा रही सब्सिडी

बागवानी करने वाले अधिकतर किसानों द्वारा ड्रीप सिस्टम से ही सिचाई की जाती है। जिसके लिए किसानों को काफी रुपये खर्च करने पड़ते थे। लेकिन वर्तमान में झोझू, बाढड़ा क्षेत्र के किसानों को ड्रीप सिस्टम के लिए सौ फीसद सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा बौंद व दादरी खंड में 85 फीसद सब्सिडी देने की योजना है। इन क्षेत्रों में ड्रीप लगवाने वाले किसानों को केवल जीएसटी का ही वहन करना पड़ता है। बाक्स:

बाग लगाने पर भी मिलेगी सब्सिडी

बागवानी में रूचि रखने वाले किसानों को भी सरकार द्वारा आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा रही है। निर्धारित प्रक्रिया को पूरी करने के बाद बाग लगाने वाले किसानों को 50 फीसद सब्सिडी दी जाती है। जिसके तहत अमरूद के लिए प्रति हैक्टेयर 11 हजार 502 व 15495 रुपये, अनार के लिए 15 हजार 900 रुपये और नींबू वर्गीय बाग के लिए 12 हजार 2 रुपये प्रदान किए जाते हैं। बाक्स:

बाग लगाने का उपयुक्त समय : डा. राजेश

दादरी जिला बागवानी अधिकारी डा. राजेश ने कहा कि जिले के किसान बागवानी में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जिसके चलते जिले का इस सीजन का 70 हैक्टेयर में बाग लगाने का टारगेट पहले ही पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि यदि अब भी कोई किसान बाग लगाना चाहे तो टारगेट को बढ़ावा किसानों को सहायता मुहैया करवा दी जाएगी। डीएचओ ने कहा कि वर्तमान समय बाग लगाने के लिए बेहद अनुकूल है इसलिए किसान खेत को अच्छी प्रकार से तैयार कर बाग लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाग लगाने के लिए किसान पौधे केवल नेशनल होर्टीकल्चर बोर्ड से पंजीकृत नर्सरी से ही खरीदें।


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