राजस्व विभाग में कार्यरत दो आपरेटरों के तबादलों पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बाढड़ा उपमंडल कार्यालय के राजस्व
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बाढड़ा उपमंडल कार्यालय के राजस्व विभाग में कार्यरत दो आपरेटरों के पहले कार्यभार वापस लेने व फिर अंतर जिला भिवानी तबादला करने के मामले की सुनवाई करते हुए दोनों जिला उपायुक्तों को इन कर्मियों को उनके मूल स्थान पर दोबारा ज्वाइन करवाने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार को 5 फरवरी को सारी जानकारी के साथ तलब किया है। हाई कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को इस तरह के तबादलों को केवल राज्य के मुख्य सचिव के अधिकार क्षेत्र में होने के कारण अब तक की गई जांच से संबंधित दस्तावेज उनके समक्ष रखने का आदेश दिया है।
दादरी के सीटीएम एवं सचिव सदस्य डीआइटीएस ने बाढड़ा उपमंडल कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर ममता व सुमित कुमार पर एक जमीनी दस्तावेज दर्ज करने के मामले में चल रही शिकायत पर जांच करने के बाद दोषी मानते हुए दोनों को कार्यभार मुक्त कर उनको उनके नियुक्ति जिले भिवानी भेजने का आदेश दिया।
31 दिसंबर 2020 को जारी किए गए इन आदेशों के खिलाफ महिला आपरेटर ममता रानी ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका लगाकर जांच कार्य में पारदर्शिता न बरतने व जानबूझ कर उनको अंतर जिला तबादला कर वहां भेजने का आरोप लगाया है। हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतर जिला तबादला नीति में किसी सदस्य सचिव को अधिकार से बाहर होने व दोनों जिला उपायुक्तों द्वारा इस पर संज्ञान लेने पर प्रदेश के उप महाधिवक्ता अमित अग्रवाल से दादरी जिला व भिवानी प्रशासन के फैसले पर रोक लगाने का आदेश देते हुए उनके इस सारे मामले पर जवाब लेकर आगामी तिथि पर उनके समक्ष रखने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट न्यायधीश ने कहा कि प्रदेश सरकार की कर्मचारी नीति में इस तरह के तबादलों को केवल राज्य के मुख्य सचिव के अधिकार क्षेत्र में होने के कारण अब तक की गई जांच से संबंधित दस्तावेज उनके समक्ष रखे जाएं।
नहीं है पूरी जानकारी : सीटीएम
इस बारे में दादरी के सीटीएम अमित मान से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह जांच व अन्य कार्य उनसे पहले के सीटीएम द्वारा किए गए हैं और उन्होंने आज ही कार्यभार संभाला है तथा सारे मामले के दस्तावेज देखने के बाद ही पूरी जानकारी दे पाएंगे। पीड़ित महिला आपरेटर ममता के अधिवक्ता सुमित सांगवान ने कहा कि जमीनी रिकार्ड पंजीकरण दस्तावेज जांच हो या फिर तबादला प्रकरण दोनों में उनकी फरियादी के साथ अन्याय किया गया है।