बेलगाम भारी वाहन, नियमों की अनदेखी आमजन के जीवन पर पड़ रहे भारी
जिले में पिछले कुछ वर्षों के दौरान दर्जनों सड़क हादसे हो च
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
जिले में पिछले कुछ वर्षों के दौरान दर्जनों सड़क हादसे हो चुके हैं। इन सड़क हादसों में काफी संख्या में लोग अकाल मौत का ग्रास बन चुके हैं तथा सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल भी हो चुके हैं। अधिकांश सड़क हादसों का मुख्य कारण वाहनों की तेज रफ्तार, नशे की हालत में वाहन चलाना, कोहरे में ²श्यता कम होने के कारण दूसरे वाहन दिखाई न देना, ओवरलोडिग, अंधाधुंध ओवरटेक, सड़कों पर बने गड्ढे व सड़कों पर बेसहारा गोवंश का मंडराना रहा है। कई बार देखा जाता है कि नई बनी सड़कों व राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चालक अपने वाहनों को निर्धारित सीमा से भी काफी तेज गति में चलाते हैं। ऐसे में कई बार चालक वाहन पर अपना संतुलन खो बैठता है तथा दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। सड़कों पर मंडराने वाले गोवंश व अन्य पशुओं के अचानक सड़क पर आने से भी वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
जिले में पिछले तीन वर्षों के दौरान हुए हादसों में तेज रफ्तार व संतुलन खोने से एक दर्जन से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं। इनके अलावा कई वाहन चालक बिना देखे ही सामने चल रहे वाहनों को ओवरटेक करते हैं। सिगल या डबल लेन सड़कों पर अंधाधुंध ओवरटेक करना किसी भी सूरत में सुरक्षित नहीं है। दादरी जिले में अधिकांश सड़कें सिगल व डबल लेन ही हैं। ऐसे में ओवरटेक करते समय भी जिले में कई हादसे हो चुके हैं। भारी वाहनों से भी होते हैं हादसे
दादरी व साथ लगते महेंद्रगढ़ जिले में क्रशर जोन होने के कारण जिले से हर रोज हजारों की संख्या में डंपर व भारी वाहन निर्माण सामग्री भरकर जाते हैं। कुछ समय पहले तक इनमें से अधिकांश वाहन ओवरलोड होकर चलते थे। अपने गंतव्य पर जल्दी पहुंचने की होड़ में ये भारी वाहन भी कई बार खतरनाक ओवरटेक करते हैं। जिसके कारण दादरी-दिल्ली मुख्यमार्ग पर ये भारी वाहन हादसों का बड़ा कारण बने हुए हैं।
लोगों को लगातार कर रहे जागरूक: प्रवीन
रोड सेफ्टी क्लब दादरी के संयोजक प्रवीन गर्ग ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा समय-समय पर लोगों को यातायात नियमों की पालना करने के प्रति जागरुक किया जाता है। यातायात पुलिस को साथ लेकर भी समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। इनके अलावा कोहरे के दिनों में वाहनों पर रेडियम टेप व स्टीकर भी लगाए जाते हैं। स्कूलों, कालेजों में पेंटिग, स्लोगन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित कर विद्यार्थियों को यातायात नियमों की जानकारी दी जाती है। इनके अलावा संस्था द्वारा समय-समय पर दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट भी वितरित किए जाते हैं।