हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सरकार की निजीकरण की नीतियों को बताया जनविरोधी
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन आफ इंडिया की राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन आफ इंडिया की राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता राज्य प्रधान धर्मेन्द्र ढांडा ने की। मंच संचालन राज्य सचिव प्रभू सिंह ने किया। जिला चरखी दादरी की तरफ से संघ के जिला प्रधान संजय शास्त्री ने संगठनात्मक गतिविधियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने अध्यापकों व छात्र संबंधी समस्याओं के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार निजीकरण पर पूरा ध्यान केंद्रित कर त्वरित गति से काम कर रही है। आजादी के बाद से जनता के सबसे विश्वसनीय रहे सरकारी बैंकों को निजीकरण की तरफ धकेला जा रहा है। वहीं हरियाणा सरकार केंद्र की वाहवाही लूटने के लिए उससे भी एक कदम आगे चल रही है। जेबीटी अध्यापकों के तबादले पिछले छह वर्षों से नहीं हुए, वहीं पिछले डेढ़ माह में तीन बार आप्शन भरवाने के बावजूद प्रक्रिया आगे नही बढ़ पा रही है। इसमें बड़ी धांधली की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। दूसरी और लाकडाउन के दौरान अध्यापकों का आनलाइन प्रशिक्षण व स्कूल लगने पर आफलाइन प्रशिक्षण भी शक के घेरे में है। संजय शास्त्री ने कहा कि केंद्र सरकार की घोषणा के बावजूद दो महीने बीत जाने के बाद डीए की बकाया राशि के साथ-साथ जुलाई किस्त की घोषणा न करना। ओमिक्रोन कोरोना की आड़ में अव्यवहारिक व जनविरोधी नई शिक्षा नीति को गलत तरीके से लागू कर रही है। अध्यापकों के साथ-साथ दूसरे कर्मचारियों का सत्र 2016-19 का यात्रा भत्ता न देना, एसीपी के हजारों मामले लंबित रहना सहित नई पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए पूरे देश के कर्मचारियों के साथ हरियाणा के कर्मचारियों को भी बड़े आंदोलन की जरूरत है। इसके लिए हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ बडे़ स्तर पर तैयारी कर रहा है। इस अवसर पर जिला सचिव कृष्ण सिंह शास्त्री व राज्य आमंत्रित सदस्य जयवीर सिंह चाहर भी उपस्थित रहे।