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सरकार खेती और किसान के उत्थान के लिए प्रयासरत : कृषि मंत्री दलाल

प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि किसानों की आय में वृद्धि करने तथा फसल को सरकारी भाव पर खरीद करने की सरकार की योजनाएं किसानों को बहुत रास आई हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 07:41 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 07:41 AM (IST)
सरकार खेती और किसान के उत्थान के लिए प्रयासरत : कृषि मंत्री दलाल
सरकार खेती और किसान के उत्थान के लिए प्रयासरत : कृषि मंत्री दलाल

संवाद सहयोगी, बहल : प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो। इसी को ध्यान में रखकर सरकार किसान हित में अनेक योजनाएं लागू कर खेती और किसान के उत्थान के लिए प्रयासरत है। प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी संक्रमण के दौरान बड़ी मंडियों के अलावा गांवों में खरीद केंद्र बनाकर किसानों की रिकॉर्ड फसल की खरीद की है। वे रविवार को गांव सिघानी, नकीपुर, चहर, गरवा, बख्तावरपुरा तथा मंढोली कला गावों में किसानों से बात कर रहे थे।

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उन्होंने बताया कि किसानों की आय में वृद्धि करने तथा फसल को सरकारी भाव पर खरीद करने की सरकार की योजनाएं किसानों को बहुत रास आई हैं। हर वर्ष एमएसपी में वृद्धि करने तथा किसानों की फसल का दाना-दाना खरीदने की सरकार की नीति से ही हर वर्ष किसानों ने फसल उत्पादन को बढ़ाया, जिससे किसान आर्थिक रूप से सु²ढ़ हुए। उन्होंने कहा कि यदि लोहारू हलके की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा उत्पादन सरसों की फसल का होता है।

कृषि मंत्री ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में लोहारू हलके की बहल, सिवानी तथा लोहारू की अनाज मंडियों में 3940 रुपये प्रति क्विंटल के सरकारी रेट पर करीब 3,18,604 क्विटल सरसों की सरकारी खरीद हुई थी। वर्ष 2019 में करीब साढ़े छह प्रतिशत एमएसपी की बढ़ोतरी पर 4200 रुपये प्रति क्विटल की खरीद हुई तो उसमें लोहारू खंड में रिकार्ड सरसों अनाज मंडी में सरकारी भाव पर बिकी।

कृषि मंत्री दलाल ने बताया कि चालू वर्ष में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा था, तब भी प्रदेश सरकार के समक्ष किसानों की फसल को सरकारी रेट पर खरीदा जाना बड़ी चुनौती थी। शारीरिक दूरी का पालन कर खरीद करना बेहद मुश्किल काम था। लेकिन, सरकार ने बड़ी मंडियों के अलावा गावों में खरीद केंद्र बनाकर किसानों की फसल खरीद की तथा किसानों के पैसों का तुरंत भुगतान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2020 में सरसों के लिए 4425 रुपये प्रति क्विटल का जो भाव तय किया उससे किसानों को एक बड़ी रकम फसल की मिल सकी है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष सिवानी मंडी में सरसों आमद में पिछले साल से 103 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यहां पिछले वर्ष की अपेक्षा 1,34, 371 क्विटल ज्यादा सरसों पहुंची। बहल में 3,43,589 क्विटल तथा लोहारू में 2,07,691 क्विटल सरसों पहुंची। इस अवसर पर मंडल प्रधान रविन्द्र मंढोली, राजीव श्योराण, सतपाल सुधीवास, विरेंद्र लाम्बा, प्रदीप चाहर, करतार नकीपुर, जेपी दुबे, विजय पूनिया, कर्मबीर चहड़िया, सतबीर सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे ।


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