स्वतंत्रता सेनानी सुमेर ने जीवन का शतक पूरा किया, डीसी ने किया अभिनंदन
उपायुक्त शिवप्रसाद शर्मा ने गांव निमड़ बडेसरा पहुंचकर अपनी आयु का
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : उपायुक्त शिवप्रसाद शर्मा ने गांव निमड़ बडेसरा पहुंचकर अपनी आयु का शतक पूरा करने वाले स्वतंत्रता सेनानी सूमेर सिंह को राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह व शाल भेंट कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर अनेक प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सूमेर सिंह की सेवाएं के लिए उनको नमन किया। गांव निमड़ बडेसरा पहुंचे उपायुक्त शिवप्रसाद शर्मा ने स्वतंत्रता सेनानी सूमेर सिंह का अभिनंदन करते हुए कहा कि इन शूरवीरों ने आजाद हिद फौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस की एक आवाज पर बिना सुविधाओं के हजारों मील पैदल चलकर सेना का गठन किया। आखिरकार लंबी यातनाएं सहने के बावजूद अपनी आजादी के मिशन को कामयाब करने में सफल रहे। ये हमारे हिदुस्तान के नायाब हीरे हैं जो बहुत बिरले ही बचे हैं। इन्होंने मात्र 18 वर्ष की आयु में ही अपने परिवार का त्याग कर स्वतंत्रता संग्राम का बीड़ा उठाया और आखिरकार उसको पूरा करने में कामयाब रहे। युवा पीढ़ी को उनके जीवन के त्याग, स्वतंत्रता के संघर्ष से सीख लेनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। उनके अलावा एसडीएम प्रीतपाल सिंह, तहसीलदार नरेश सोनी, प्रवाचक अजय शर्मा, मंजीत निमड़ इत्यादि मौजूद थे। बाक्स :
आयु के 100 वर्ष पूरे कर चुके हैं सुमेर
स्वतंत्रता सेनानी सूमेर सिंह भले ही अपनी आयु के सौ साल पूरे कर चुके हो लेकिन उन्हें आज भी आजाद हिद फौज व नेताजी के साथ रहे सारी बातें याद हैं। आज ज्यों ही उपायुक्त उनके पास पहुंचे तो स्वतंत्रता सेनानी सूमेरसिंह धीरे धीरे बोले कि वे आजाद भारत के सभी राष्ट्रपति, पीएम
इंदिरा गांधी सहित अनेक हस्तियों से सम्मानित हो चुके है लेकिन पहली बार किसी डीसी ने उनके घर पहुंचकर उनका अभिनंदन किया है। उन्होंने वर्षो से अपने पास रखी नेताजी की फोटो भेंट की तो डीसी व फ्रीडम फाइटर दोनों ही भावविहल हो गए। उपायुक्त ने स्वतंत्रता सेनानी से आशीर्वाद भी लिया। गौरतलब होगा कि पिछली 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम पर जिले के प्रशासन द्वारा कोई निमंत्रण पत्र नहीं भेजा गया। उन्होंने दैनिक जागरण के माध्यम से सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के साथ बरती जा रही उपेक्षा से अवगत करवाया। केन्द्र सरकार व राष्ट्रपति भवन न कोरोना
महामारी के चलते इन महापुरुषों को दिल्ली बुलाकर अभिनंदन करने की बजाए उपायुक्तों के माध्यम से उनके निवास स्थान पर सम्मानित करने का निर्णय लिया है।