आग से झुलसे पेड़, टहनियां टूटी, सड़क मार्ग बाधित
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : एक तरफ सरकार एवं वन विभाग हरियाली को बढ़ावा देने के लिए
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : एक तरफ सरकार एवं वन विभाग हरियाली को बढ़ावा देने के लिए धरातल पर लाखों रुपये खर्च करने के दावे करता है लेकिन धरातल पर पेड़-पौधों के रखरखाव के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाए जा रहे। खुलेआम सड़कों किनारे खड़े पेड़ों को आग के हवाले किया जा रहा है। इससे वे दम तोड़ रहे हैं। यही नहीं भारी भरकम पेड़ भी आग की चपेट में आकर धराशायी हो रहे हैं। ऐसा ही कुछ गांव सांवड़-धारेडू संपर्क मार्ग पर देखने को मिला। यहां काफी पेड़-पौधे आग की लपटों में झुलस गए। कीकर के भारी पेड़ की जड़ों में आग ने संदिग्ध हालात में भड़की और देखते ही देखते पूरे पेड़ को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे पेड़ की टहनियां भी टूट कर नीचे बीच सड़क गिर गई। गनीमत रही कि इस दौरान सड़क मार्ग सूनसान था अन्यथा बड़ा सड़क हादसा हो सकता था। बीच रास्ते भारी पेड़ टूट कर गिरने से आवागमन घंटों तक बाधित रहा। पेड़ के हिस्से को सड़क से हटाने में भी दिक्कतें सामने आईं। सड़क पर गिरे पेड़ के हिस्से में भी आग की लपटें उठ रहीं थी। ऐसे में वाहन चालक बड़ी मुश्किल से दूसरे रास्ते खेतों, जंगल से बनाते हुए गुजरते देखे गए। यह रास्ता सांवड़ से धारेडू-मानहेरू होते हुए भिवानी जाता है। जिससे हर रोज सैकड़ों छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन रहता है। सांवड़-धारेडू के किसान भी खेतों में यही से होकर जाते हैं। लेकिन बीच रास्ते गिरे पेड़ के कारण आने-जाने वालों को भी काफी परेशानियां हुई।
---
जल रहे हैं पेड़-पौधे
उल्लेखनीय है कि सड़कों किनारे खड़े पेड़-पौधे आग की भेंट चढ़ रहे हैं। जिससे उनका अस्तित्व खतरे में हैं। हर साल फसली सीजन में फाने इत्यादि जलाने का सिलसिला जारी रहता है और प्रशासन एवं सरकार है कि कड़ी चेतावनी तक देती है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन धरातल पर इस चेतावनी का कोई खास सकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिलता। खेतों में लगाई आग सड़कों किनारे पेड़ों को भी अपनी चपेट में ले रही है। सांवड़-धारेडू मार्ग पर भी खड़ा भारी भरकम कीकर का पेड़ भी आग के कारण जलकर टूट गया।