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एक पानी और नहीं मिला तो मेहनत पर फिर जाएगा पानी

जागरण संवाददाता भिवानी रबी सीजन की फसलें पकने को तैयार हैं। विशेष कर गेहूं की फसल क

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 10:51 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 10:51 AM (IST)
एक पानी और नहीं मिला तो मेहनत पर फिर जाएगा पानी
एक पानी और नहीं मिला तो मेहनत पर फिर जाएगा पानी

जागरण संवाददाता, भिवानी : रबी सीजन की फसलें पकने को तैयार हैं। विशेष कर गेहूं की फसल को सिचाई के लिए एक पानी और नहीं मिला तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। ऐसा किसानों का कहना है। नहरों में पानी कम आने से किसान खुद चितित हैं। प्रशासन सबसे पहले पीने के पानी और जोहड़ों को भरने का प्रबंध करने में जुटा है तो किसानों की फसलों को अंतिम समय में जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसान की पैदावार पर भी ब्रेक लग सकता है। जिले में एक लाख 21 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में की गई है गेहूं की खेती

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कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो जिले में एक लाख 21 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है। अब गेहूं की फसल को कम से कम एक या दो बार सिचाई की जरूरत है। नहर में पानी कम आने का खामियाजा किसानों को भुगतना होगा। इस बार जुई नहर में पांच दिन ही चलेगा, टेल तक पहुंचना मुश्किल

इस बार जुई नहर में पानी मात्र पांच दिन ही चलेगा। ऐसे में वाटर टैंक ओर जोहड़ ही मुश्किल से भरे जा सकेंगे। मुख्य नहर जुई में तो पानी चलेगा पर यह पानी मुख्य नहर से निकलने वाली माइनर और डिस्ट्रीब्यूटरियों में नहीं पहुंच पाएगा। इनके तहत आने वाली किसानों की हजारों एकड़ जमीन को पानी नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा जुई नहर के तहत आने वाले किसानों की भी गेहूं, मेथी आदि की फसल प्यासी ही रहेगी। इस बार नहर में 1600 क्यूसेक पानी आया है कम

इस बार जूई नहर में पानी की डिमांड 2250 क्यूसेक की डिमांड की गई थी। लेकिन मिला है मात्र 650 क्यूसेक। ऐसे में सिचाई की बात तो दूर पीने के लिए आपूर्ति भी सही से नहीं हो पाएगी। इसके अलावा मवेशी ओर बेजुबानों की प्यास कैसे बुझ पाएगी समझ से परे है। ऊपर से गर्मी भी जोर पकड़ने लगी है। किसान कह रहे हैं कि पानी पूरा नहीं दे कर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। किसानों की कमाई पर ब्रेक लगाने का काम किया जा रहा है। किसान बोले-फसलों की सिचाई के लिए नहरों में पूरा पानी दिया जाए

किसान संदीप खरकड़ी, राजेश खरकड़ी, मुकेश स्वामी, मांगेराम नाई, सूबेसिंह, सज्जन खरखड़ी, सुनील स्वामी, रामसिंह आदि ने बताया कि नहरों में पानी नाम मात्र का दिया जा रहा है। एक तरफ दावे किए जा रहे हैं कि किसानों की आमदनी दो गुणा की जाएगी। दूसरी तरफ नहरों में पानी तक नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में किसानों की गेहूं और मेथी आदि के अलावा सब्जियों में पानी की कमी हो चली है। समय पर पानी नहीं मिलने से सिचाई नहीं हो पा रही है। डिमांड से कम मिला है पानी : अभियंता

सिचाई विभाग की तरफ से डिमांड 2250 क्यूसेक पानी की भेजी गई थी। पानी डिमांड से बहुत कम आया है। ऐसे में जितना पानी आया है उसमें सबसे पहले पीने के पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा जोहड़ भरने की प्राथमिकता रहेगी। जितना पानी है उसमें से टेल तक पानी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

-मनीष कुमार, अभियंता

सिचाई विभाग।


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