कितलाना टोल पर किसान-मजदूरों ने एकजुट होकर मनाया श्रमिक दिवस
मई दिवस जिसे श्रमिक दिवस के रूप में भी जाना जाता है इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन मजदूर अपने अधिकारों के लिए संकल्प लेते हैं।
जागरण संवाददाता, भिवानी : मई दिवस जिसे श्रमिक दिवस के रूप में भी जाना जाता है इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन मजदूर अपने अधिकारों के लिए संकल्प लेते हैं। आज मजदूरों ने ठाना है कि किसान आंदोलन में वे डटकर किसानों का साथ देंगे। यह बात मजदूर नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने पर संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि सन 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूर आठ घंटे की मांग को लेकर जुलूस निकाल रहे थे उस वक्त मालिकों की शह पर पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी जिससे कई मजदूर शहीद हो गए और कई नेताओं को फांसी दी गई।
उन्होंने कहा कि उसी वक्त से मजदूर अपने हकों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। इस मजदूर आंदोलन ने संघर्ष करके ट्रेड यूनियन बनाने, न्यूनतम वेतन लेने, काम के घंटे आठ करवाने, पेंशन, ग्रेच्यूटी, मातृत्व अवकाश व अन्य कई सुविधाएं हासिल की थी।
उन्होंने कहा कि आज मजदूर किसान मिलकर इस मई दिवस पर एकजुटता बनाकर लम्बी लड़ाई के लिए तैयारी कर रहे हैं। मजदूर व किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए मोदी सरकार से दो दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। धरने के 128वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, मास्टर शेर सिंह, बिजेंद्र बेरला, सुमेर सिंह, भीम सिंह, राजकुमार जांगड़ा, शीला ढाणी, सुनीता पांडवान ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
उन्होंने प्रेमनगर किसान महापंचायत आयोजनकर्ताओं के विरुद्ध केस दर्ज करने की कार्रवाई की घोर निदा करते हुए प्रस्ताव रखा जिसका सभी ने हाथ उठाकर अनुमोदन किया। उन्होंने सरकार व पुलिस प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि वे प्रेमनगर के किसानों की तरफ आंख उठाकर न देखे अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। धरने का मंच संचालन मजदूर नेता अनिल कुमार ने किया।
इस अवसर पर कमलेश भैरवी, सूशील धानक, राजू मान, कमल प्रधान, सूरजभान सांगवान, मास्टर ताराचंद चरखी, कामरेड ओमप्रकाश, रणधीर घिकाड़ा, धर्मेन्द्र छपार, सुरेन्द्र कटारिया, जिले सिंह निगाना, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रामोतार बलियाली, सुभाष यादव, रामफल देशवाल, संतोष देशवाल, संजय बलियाली, महाबीर जांगड़ा, ईश्वर बागनवाला, सब्बीर हुसैन इत्यादि मौजूद थे।