तापमान बढ़ने से रबी की फसलों को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता
इस बार मौसम का मिजाज बदलने गर्मी के मौसम के करीब एक माह पह
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : इस बार मौसम का मिजाज बदलने, गर्मी के मौसम के करीब एक माह पहले दस्तक देने से जिले के किसानों में रबी की फसलों को लेकर चिताएं बढ़ती जा रही हैं। विशेषकर जिले में गेहूं व सरसों पर मौसम से पड़ने वाले प्रभावों को लेकर पैदावार में गिरावट आने की आशंकाएं बताई जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला दादरी की अधिकतर कृषि योग्य भूमि पर रबी की फसलों के रूप में किसान सालों से गेहूं, सरसों की बीजाई करते रहे हैं। इस बार फरवरी के दूसरे सप्ताह के साथ ही तापमान में अचानक बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई थी। फरवरी के अंतिम दिन व मार्च के शुरुआती चार दिनों में जिस प्रकार का तापमान बना रहा। सामान्य तौर पर पिछले सालों तक अप्रैल के पहले सप्ताह में दिखाई देता था। इस प्रकार के मौसम को रबी की फसलों के लिए काफी प्रतिकूल माना जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान दादरी जिले में अधिकतम तापमान 32 व न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जानकारों के मुताबिक अगले तीन-चार रोज तक इसमें दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की और बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में फसलों को लेकर किसानों की चिताएं बढ़ना स्वाभाविक है। फसलों की बढ़तवार रुकी
जिले के किसान नरेंद्र सिंह, रामकिशन, शमशेर सिंह, योगेंद्र, लखीराम, श्याम लाल, सुरेंद्र सिंह, रामभजन, दयाराम, सुनील कुमार, नरेश, राजेंद्र सिंह इत्यादि ने बताया कि फरवरी व मार्च में इस प्रकार से तापमान में बढ़ोतरी पिछले काफी वर्षों से नहीं हुई है। अधिक तापमान होने से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। फसलों की बढ़तवार रूक गई है। सरसों की फसल में कहीं-कहीं सफेद रतवा रोग का असर दिखाई देने लगा है। विशेषकर पछेती की फसल में अधिक नुकसान हो सकता है। वहीं गेहूं, जौ की फसल में चेपा, खुली कैगयारी रोग के लक्षण नजर आने लगे हैं। इससे उत्पादन कम होने के आसार हैं। वर्तमान में गेहूं की फसल मिल्की स्टेज, दूधिया अवस्था है। जिसके कारण तापमान का अधिक प्रभाव दाने के पकेवा पर पड़ेगा। अधिक तापमान से दाने का आकार छोटा व चिपका हुआ रहने की आशंका है। अभी फसलों में पूरी पकावट आने से पहले अधिक तापमान काफी नुकसान पहुंचा सकता है। पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव : डा. कौशिक
कृषि एवं कल्याण विभाग में कार्यरत कृषि विशेषज्ञ डा. राजेंद्र कौशिक ने कहा कि वर्तमान में अधिक तापमान होने से निश्चित रूप से रबी की फसलों पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे फसलों की वृद्धि रुक गई है। विभिन्न प्रकार के रोग फसलों को अपने आगोश में ले सकते हैं। पछेती फसलों, विशेषकर सरसों व गेहूं के दाने जल्दी पकने, छोटे रहने, उनमें फूलावट न होने की आशंकाएं बनी हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेतों में आवश्यकता अनुसार सिचाई कर नमी बनाए रखें।