निगाना-सिवानी लिक माइनर पर किसानों का विरोध जारी
निगाना-सिवानी लिक माइनर में पाइपलाइन डालने में घटिया सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए किसानों ने विरोध तीसरे दिन भी विरोध किया और पाइप लाइन में बढि़या सामग्री की मांग की।
संवाद सहयोगी, तोशाम : निगाना-सिवानी लिक माइनर में पाइपलाइन डालने में घटिया सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए किसानों ने विरोध तीसरे दिन भी विरोध किया और पाइप लाइन में बढि़या सामग्री की मांग की। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो किसान अनिश्चितकालीन धरना देने पर मजबूर होंगे। किसानों का कहना है कि जब तक पाइपलाइन की मरम्मत और उन्हें पूरा पानी नहीं मिल जाता तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे। पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा होने से पहले ही डांवाडोल होता नजर आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पाइप लाइन डालने के निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री घटिया किस्म की इस्तेमाल की गई है जिसके कारण ट्रायल के तौर पर छोड़ा गया पानी जगह-जगह लीक हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पाइपलाइन के निर्माण कार्य में संबंधित ठेकेदार द्वारा ईंटों सहित अन्य सामग्री घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग किया गया है। ग्रामीण शत्रुघ्न पायल,वजीर, जगदीश बुढ़ानिया, जयपाल सांगवान, आजाद रायल, सुमित बलौदा, दर्शन, जयवीर, सुरेश शर्मा, पवन श्योराण, अजीत श्योराण, वजीर बलौदा आदि ने कहा की निगाना-सिवानी लिक चैनल में पहले 150 क्यूसिक पानी आता था लेकिन इसकी जगह पर पाइपलाइन डालकर सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है। इसके बावजूद भी सरकार द्वारा जबरदस्ती डाली गई इस पाइपलाइन की पोल शुरुआत में ही खुल गई है। ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मांग की गई या तो इस लिक चैनल को पहले की तरह ही नहर रूपी चलाया जाए या फिर इस पाइपलाइन को दोबारा से उखाड़कर अच्छे निर्माण सामग्री का प्रयोग करके अच्छी तरह से बनाया जाए। उन्होंने कहा कि पहले डाली हुई लाइन में पानी चला कर दिखाया जाए।
एसडीओ अंशुल कादयान ने बताया कि निगाना सिवानी लिक माइनर में 1972 आरडी पर एक पुराना साइफन है, जिसे पुल में परिवर्तित करने का सिगल फाइल केस 14 दिसंबर 2021 को भेजा जा चुका है ताकि पानी के बहाव में कोई बाधा ना हो। संडवा गांव के वाटर टैंक को भरने के लिए जब पानी चलाया गया, तो पुराना सायफन पूरा पानी नहीं ले पा रहा था। इसकी वजह से ऊपर की होदी और पाइपों के ज्वाइंट में कुछ लीकेज हुई है, जिसे ठीक करवाया जा रहा है। अभी कार्य प्रगति पर है और कोई भी गुणवत्ता अथवा लीकेज की शिकायत अगर सामने आती है तो उसे दुरुस्त करवाया जाएगा।