किसान समर्थक कर्मचारियों को प्रताड़ित करने से बाज आए सरकार : गंगाराम श्योराण
जागरण संवाददाता भिवानी राजकीय प्राथमिक पाठशाला बुढेड़ा में कार्यरत अध्यापक सतीश कुमार
जागरण संवाददाता, भिवानी : राजकीय प्राथमिक पाठशाला बुढेड़ा में कार्यरत अध्यापक सतीश कुमार के निलंबन का मामला गर्माता जा रहा है। कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने पर अध्यक्ष मंडल के सदस्य गंगाराम श्योराण ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन समर्थकों को प्रताड़ित कर रही है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि सतीश कुमार बहुत ही उम्दा अध्यापक हैं। जिन्हें 2017 में राज्यपाल द्वारा स्टेट अवार्ड से नवाजा जा चुका है तथा आठ मार्च को नई शिक्षा नीति के बारे में सुझाव देने बारे बनी नौ सदस्यीय कमेटी का सदस्य बनाया गया था। सतीश कुमार का सिर्फ यही कसूर है कि वो एक किसान का बेटा है। धरने पर सरकार की इस कार्यवाही की कड़ी निदा का प्रस्ताव पास किया गया और सरकार को चेतावनी दी गई कि सतीश कुमार को अविलंब बहाल किया जाए। खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तीन काले कानूनों के खिलाफ भिवानी और दादरी अनाज मंडी में शुक्रवार को सुबह 10 बजे धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरने पर इलाके की सभी खापें, किसान, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठन भाग लेंगे। धरने के 84वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, प्रधान बिजेंद्र बेरला, खाप फौगाट 19 के उपप्रधान धर्मपाल महराणा, गंगाराम श्योराण, रत्तन जिदल, मास्टर राजसिंह, दिलबाग ग्रेवाल, दल्लो छपार, सुभाष यादव, सुरेन्द्र यादव ने अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर दिलबाग ढुल, पूर्व सरपंच टेकराम मंदोला, राजू मान, धर्मेन्द्र छपार, रामकुमार सोलंकी, ओमप्रकाश शेखावत, सुखदर्शन, राकेश मलिक, सुभाष कौशिक, बीरमति, कृष्णा सांगवान, रतन्नी देवी, कर्ण सिंह, धर्मपाल यादव, रामेश्वर, चांदराम यादव, प्रेम सिंह, कर्मबीर यादव, मौजीराम, वीरेन्द्र यादव, जगदीश हुई, प्रमोद यादव, रामकिशन यादव, देशराम भांडवा, संदीप यादव, सतीश यादव इत्यादि मौजूद थे। टिकरी बार्डर पर झोपड़ी बनाने के लिए भेजे सरकंडे
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संवाद सहयोगी, तोशाम : गांव खरकड़ी माखवान व लक्ष्मणपुरा से गर्मी के मौसम को देखते हुए दिल्ली टिकरी बार्डर पर झोपड़ी बनाने के लिए सरकंडे लेकर किसान ट्रैक्टर ट्राली के साथ रवाना हुए। किसानों ने तोशाम क्षेत्र के किसानों के रहने के लिए 6-7 झोपड़ी पहले ही बना दी गई थी। दिल्ली बार्डर पर कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान गर्मी से बचने के लिए झोपड़ी का प्रबंध कर रहे हैं। इसके लिए झोपड़ी बनाने के लिए जिस सामग्री की आवश्यकता होती है। उसे लेकर किसान दिल्ली टिकरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। राजेश कुमार, सुरेंद्र पंघाल, रोबिन पंघाल, संदीप, सत्यवान तोशाम, गोपी सागवान, सत्यवान आदि ने बताया कि जब तक काले कानून वापस नहीं होते, तब तक दिल्ली से वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती, तब तक किसानों का धरना जारी रहेगा और दिल्ली बार्डरों पर बैठे किसानों के लिए राहत सामग्री भेजी जाती रहेगी। उन्होंने कहा कि 113 दिनों से किसान बार्डरों पर धरना दिए हुए हैं। किसानों का कहना है कि अब सरकार को किसानों की सुध लेनी चाहिए और उनकी मांगे मान लेनी चाहिए।