कितलाना टोल पर किसानों का धरना जारी, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी भी समर्थन में उतरे
कितलाना टोल पर किसान आंदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है। सेवानिवृत्त उच्च अधिकारी भी समर्थन में आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : कितलाना टोल पर किसान आंदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है। सेवानिवृत्त उच्च अधिकारी भी समर्थन में आ रहे हैं। शनिवार को गांव बापोड़ा निवासी रिटायर्ड आइएएस अधिकारी सुरेश गोयल पहुंचे और अपना समर्थन देते हुए तीनों कृषि कानूनों की बारीकियों को किसानों के सामने रखा। उन्होंने विस्तार से बताया कि सरकार इन कानूनों को लागू कर क्या हासिल करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की आड़ में लाए गए तीनों कृषि कानून किसान, मजदूर और आढ़ती को बर्बाद करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ बड़े घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है। लेकिन जनता अब जागरूक हो गई है और शोषण सहन नहीं करने वाली है। इसी कारण लाखों किसान सभी वर्गों के सहयोग से दिल्ली बार्डर और देश भर में टोल प्लाजा पर अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। सुरेश गोयल ने कहा कि खुद कृषि मंत्री तीनों बिलों का पूरा नाम तक नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के आने से मंडी के साथ आढ़ती और एमएसपी खत्म हो जाएगी। असीमित भंडारण से बड़े घराने बाजार पर कब्जा कर लेंगे और महंगाई पर काबू पाना नामुमकिन होगा। कांट्रेक्ट फार्मिंग में बड़ी कंपनियों से करार का बड़ा नुकसान होगा और किसान उनके चंगुल से नहीं निकल पाएगा। विवाद होने पर सिर्फ एसडीएम कोर्ट में जाने का रास्ता छोड़ा है और उससे आगे अपील ही नहीं हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी और कोरोना महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था दम तोड़ गई थी। उस समय खेती ने 3.1 फीसद बढ़ोतरी के साथ अर्थव्यवस्था को संभाला था। लेकिन किसानों को उसके बदले सरकार ने परेशान किया।
ये रहे मौजूद
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खाप सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप फौगाट के सचिव सुरेश फौगाट, खाप जाटू के सचिव मा. राजसिंह, खाप श्योराण प्रधान बिजेंद्र बेरला, अन्नदाता किसान यूनियन के सचिव रामकुमार कादयान, गंगाराम श्योराण व किसान सभा से सुखदेव सिंह, भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के प्रदेशाध्यक्ष जगबीर घसौला, रणधीर कुंगड़, राजू मान, जोरावर सांगवान, धर्मेंद्र छपार, रणधीर सिंह घिकाड़ा, दिलबाग निमड़ी, सरपंच दलबीर गांधी, बलबीर बजाड़, वीरेंद्र किरोड़ी, सूरजभान सांगवान, रणबीर फौजी, प्रोफेसर राजेंद्र डोहकी, प्रमोद डोहकी, शमशेर सांगवान, रविद्र घिकाड़ा भी मौजूद रहे।