खेत खलिहान : गेहूं, जौ और सरसों में चेपा किसानों के लिए बना चिता
जागरण संवाददाता भिवानी मार्च माह में गेहूं जौ और सरसों में चेपा रोग किसानों के लिए चिता ब
जागरण संवाददाता, भिवानी : मार्च माह में गेहूं जौ और सरसों में चेपा रोग किसानों के लिए चिता बना हुआ है। ऐसे में किसानों को विशेषज्ञों से सलाह लेकर समय पर उपचार करना चाहिए। विशेषज्ञ खुद खेतों में जाकर भी किसानों को समय पर उपचार के लिए सलाह दे रहे हैं। चेपा रोग को लेकर थोड़ी लापरवाही भी किसानों की पैदावार पर ब्रेक लगा सकती है। इसलिए किसान इस मामले में लापरवाही न बरतें। इससे बचाव के लिए किसान 150 एमएम रिमोन लें और इसको 150 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें। यह मात्रा एक एकड़ के लिए है। जरूरत समझें तो 15 दिन बाद दोबारा से दवा का छिड़काव किया जा सकता है। गेहूं, जौ और सरसों में चेपा का रोग बना परेशानी
वर्तमान में सरसों में चेपा रोग बना हुआ है। किसान रोगोर या मेलाथियोन 250 एमएल से 400 एमएल लें। इसके बराबर पानी मिला कर इस दवा का छिड़काव करें। जरूरत पड़ने पर सात से 10 दिन में किसान इस दवा का दोबारा भी छिड़काव कर सकते हैं। गेहूं, जौ में भी इस दवा का छिड़काव किया जा सकता है। सरसों में सफेद रतवा बनी परेशानी किसान सफेद रतवा से बचाव के लिए 600 ग्राम मैंकोजैब लेकर 250 से 300 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें। अगर समय पर इन फसलों की बिजाई करते हैं तो दिक्कत नहीं आती। किसान समय पर विशेषज्ञों से सलाह लेकर फसलों में लगने वाले कीटों से बचाव कर सकते हैं। किसान कीटों को खत्म करने के लिए लापरवाही न करें और जब भी उनको फसलों में कीट नजर आएं तो तुरंत उपचार लें।
डा. मीनू, कीट वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र भिवानी।