यूरोपीय देशों में आज भी भारतीय संस्कृति के प्रति है प्यार
जागरण संवाददाता, भिवानी : कौन कहता है कि भारत विश्व गुरु बनने में अभी भी समय लगेगा। आज भी य
जागरण संवाददाता, भिवानी :
कौन कहता है कि भारत विश्व गुरु बनने में अभी भी समय लगेगा। आज भी यूरोपीय देशों में भारत के गुरुओं का डंका बज रहा है। राधास्वामी दिनोद के गुरु संत कंवर हुजूर महाराज ने विश्व गुरु की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 22 दिनों तक यूरोपीय देशों में ज्ञान का उजाला फैलाया।
संत कंवर हुजूर 27 मई को यूरोप के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने 19 जून तक अमेरिका, इंग्लैंड व कनाडा में अलग-अलग शहरों में प्रवचन किए। इस दौरान हजारों लोगों ने उनसे ज्ञान ग्रहण किया और भारतीय संस्कृति के प्रति अपना अथाह प्यार दर्शाया।
विशेष बातचीत में संत कंवर हुजूर महाराज ने दैनिक जागरण को बताया कि आज भी यूरोपीय देशों में भारत को बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। भारतीय संस्कृति के मुकाबले आज भी कोई संस्कृति नहीं है। भारतीय देवी देवताओं में विदेशियों की अच्छी रुचि है। विशेषकर भगवान श्री कृष्ण व हनुमान जी को सर्वाधिक पसंद किया जाता है। इस दौरान लंदन, स्वीडन, ओटावा, हेमलंटन जैसे शहरों में प्रवचन करने का मौका मिला। यहां पर भारतवंशियों के अलावा गोरों ने भी प्रवचन सुनने में अच्छी खासी रुचि दिखाई।
संत कंवर हुजूर राधास्वामी पंथ के छटे गुरु हैं, जबकि दिनोद गद्दी के वे दूसरे गुरु हैं। पांचवें गुरु ताराचंद महाराज के सबसे करीबी शिष्य रहे हैं और उनके बाद से गुरु की गद्दी पर विराजमान होकर राधास्वामी पंथ को आगे बढ़ा रहे हैं। दिनोद में मुख्य आश्रम है और भिवानी के रोहतक रोड स्थित आश्रम में हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु उनके प्रवचन सुनने आते हैं। इनमें विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या अच्छी खासी होती है। मासिक सत्संग में भी भारी भीड़ होती है।