Move to Jagran APP

शिक्षा धर्म आधारित न होकर संवैधानिक मूल्यों पर आधारित हो

अंबेडकर प्रोफेसर एसोसिएशन के नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय वेबिनार में हुआ मंथन जागरण सं

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:00 AM (IST)
शिक्षा धर्म आधारित न होकर संवैधानिक मूल्यों पर आधारित हो
शिक्षा धर्म आधारित न होकर संवैधानिक मूल्यों पर आधारित हो

अंबेडकर प्रोफेसर एसोसिएशन के नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय वेबिनार में हुआ मंथन जागरण संवाददाता, भिवानी : गठन के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अंबेडकर प्रोफेसर एसोसिएशन हरियाणा के राष्ट्रीय वेबिनार में नई शिक्षा नीति पर मंथन हुआ। वेबिनार में इस बात पर जोर रहा कि मूल्य आधारित शिक्षा धर्म आधारित न होकर संवैधानिक मूल्यों पर आधारित हो। वेबिनार में नेतृत्व प्रोफेसर डा. सुखबीर प्रधान का रहा। महासचिव डा. राजेश कुमार लांग्यान आयोजन सचिव, सलाहकार एवं आयोजक टीम के प्रयासों से एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार को मुकाम तक पहुंचाया। महासचिव डा राजेश लांग्यान ने बताया कि वेबिनार में भारत से प्रख्यात विद्वान और विदुषियों की भागीदारी रही। दो सत्रों में आयोजित इस वेबिनार का विषय नई शिक्षा नीति: कमजोर वर्गों के लिए चुनौतियां और अवसर रहा। इस वेबिनार के लिए देश के 27 राज्यों से सामान्य श्रेणी के 309, पिछड़ा वर्ग के 189 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के 607 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। इन्होंने गूगल मीट एवं एसोसिएशन के यूट्यूब चैनल पर कार्यक्रम में भागीदारी की। एसोसिएशन के 212 सदस्यों के अलावा 12 प्रोफेसर, 13 प्राचार्य, 3 वाइस प्रिसिंपल, 87 एसोसिएट प्रोफेसर, 510 सहायक प्रोफेसर, 172 विद्यार्थियों, 23 शिक्षकों 106 शोधार्थियों और समाज के अन्य सभी वर्गों से बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। वेबिनार के उद्घाटन सत्र में शम्मी कुमारी ने मुख्य अतिथि का परिचयात्मक विवरण प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि अजीत बालाजी जोशी, महानिदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार ने तकनीकी युग में विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा लाभ प्राप्त करने का आह्वान किया। प्रोफेसर रविकांत ने विशिष्ट अतिथि सुखदेव थोराट पूर्व अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली का स्वागत परिचय दिया। थोराट ने अपने मुख्य व्याख्यान में बहुविषयक पाठ्यक्रमों को विद्यार्थियों के लिए अच्छा बताया बशर्ते वह विद्यार्थियों की पसंद पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा धर्म आधारित न होकर संवैधानिक मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए। प्रोफेसर डा. संदेश वाघ, अध्यक्ष, इतिहास विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय ने बताया कि ड्राफ्टिग कमेटी में किसी भी अनुसूचित जाति/जनजाति सदस्य का शामिल न होना भेदभावपूर्ण है। संसद में आरक्षित श्रेणी के सांसदों का नई शिक्षा नीति के संबंध में मौन रहना और भी खतरनाक है। इस शिक्षा नीति में निजी विश्वविद्यालयों व डीम्ड विश्वविद्यालयों में आरक्षण की कोई व्यवस्था न होने से कमजोर व आरक्षित वर्गों का उत्थान संभव नही है। दूसरे सत्र में संस्कार व्यवसाय और नारी उत्थान आधारित शिक्षा पर जोर द्वितीय सत्र में दुष्यंत कुमार गौतम संसद सदस्य हरियाणा मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा कि संस्कार व व्यवसाय आधारित शिक्षा प्रणाली का पक्ष लेने के साथ नारी शिक्षा से देश का उत्थान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर के अनुसार शिक्षा ही देश को मजबूत और स्वावलंबी बना सकती है। प्रोफेसर डीसी लाल, अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने वेबिनार के माध्यम से शिक्षा के सरलीकरण करने का सुझाव दिया। प्रोफेसर डा. सुषमा यादव, सदस्य विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं कुलपति भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय, सोनीपत (हरियाणा) ने नई शिक्षा नीति के सकारात्मक बिदुओं पर चर्चा करते हुए उसे परिणाम देने वाली व गुणवत्तापूर्ण बताया। ग्राम पंचायतों से भी इसके सुझाव आमंत्रित करना अच्छा प्रयास है। उन्होंने वेबिनार के सभी वक्ताओं के मुख्य बिदुओं का तर्क पूर्ण विश्लेषण किया और नई शिक्षा नीति को देश के लिए सकारात्मक बताया। वेबिनार के समापन पर एसोसिएशन के प्रधान डा. सुखवीर सिंह ने मुख्य अतिथियों, वक्ताओ और सभी प्रतिभागियों के धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.