भटक रहे वाहन चालक, किसी के भरोसे नहीं डीटीओ आफिस
जागरण संवाददाता भिवानी आरटीए से बदल कर अब डीटीओ बना यह कार्यालय आजकल भगवान भरोसे ह
जागरण संवाददाता, भिवानी:
आरटीए से बदल कर अब डीटीओ बना यह कार्यालय आजकल भगवान भरोसे है। यहां पर वाहन चालक अपने चालान, लाइसेंस और पासिग विभिन्न कामों से आते रहते हैं, लेकिन यहां कार्यालय में मात्र एक कर्मचारी मिलने से उनके काम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में वे पिछले कई माह से यूं ही भटकने को मजबूर हैं। कई बार यहां आने वाले रोष प्रकट कर चुके हैं। अधिकारियों से भी पेश आने वाली समस्याओं के बारे में कह चुके हैं लेकिन समाधान के नाम पर अभी तक कुछ नहीं किया गया है।
दैनिक जागरण ने यहां आने वालों से बात की तो उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया और कहा कि आरटीए कार्यालय को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। अब हम कहां जाएं यह समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने अपना दर्द कुछ यूं बया किया। कोई सुनने वाला नहीं, किससे करें शिकायत
हम कई बार आ चुके। चालान से संबंधित काम था यहां कई बार आ चुके हैं। इसके अलावा गाड़ी के एक दो काम और थे, लेकिन यहां काम करने वाले ही नहीं हैं। समझ नहीं आ रहा कि अपना दर्द किसके सामने बयां करें। कोई सुनने वाला नहीं है।
विक्रम गुर्जर, वाहन चालक आटो मार्केट में उनकी गाड़ी का चालान हुआ था। इसके लिए यहां कई बार आ चुका हूं। कर्मचारी नहीं मिलते। जब आते हैं तो जवाब मिलता है चेकिग पर गए हैं। कर्मचारी चेकिग पर होते हैं और हम यहां पर भटकते रहते हैं। अधिकारी इस विकट होती समस्या पर ध्यान दें।
होशियार सिंह, चालक आरटीए आफिस तो कहने के लिए आफिस रह गया है। यहां पर काम करने वाले ड्यूटी पर नहीं होते। जो वाहन चालक अपने किसी काम से यहां पर आते हैं तो संतोषजनक जवाब नहीं मिलता।
अजीत सिंह, चालक आरटीए आफिस का नाम बदल कर डीटीओ भले ही कर दिया हो पर इसका आम लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ है। यह आफिस एक तरह से नकारा होकर रह गया है। यहां किसी भी समय आओ कर्मचारी न के बराबर होते हैं। वाहन चालक कई-कई दिन तक अपने जरूरी कार्याें के लिए भटकते रहते हैं। अधिकारी कोई परवाह नहीं करते। वाहन चालक कहां जाएं। समय पर अपने वाहन का जरूरी काम न करवाएं तो बेवजह पेनल्टी उनको भुगतनी होती है जबकि गलती विभाग की होती है। वाहन चालकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए अधिकारी ठोस कदम उठाएं।
रामनिवास शर्मा, प्रधान, थ्री व्हीलर रेहड़ी एवं फुटपाथ एसोसिएशन।