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झज्जर घाटी में गहराया पेयजल संकट

शहर के झज्जर घाटी क्षेत्र में पिछले करीब 15 दिन से गंभीर

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 08:46 PM (IST)
झज्जर घाटी में गहराया पेयजल संकट
झज्जर घाटी में गहराया पेयजल संकट

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : शहर के झज्जर घाटी क्षेत्र में पिछले करीब 15 दिन से गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। यहां के लोग बार-बार जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से समाधान की अपील कर चुके हैं। लेकिन अधिकारियों द्वारा केवल झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र के लोगों में भारी रोष है। यहां के लोग हैंडपंप व टैंकरों से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। भीषण गर्मी में पेयजल की किल्लत से लोग काफी परेशान हैं। पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं होने से घरेलू कामकाज भी नहीं हो पा रहे। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं की गई तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।

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उल्लेखनीय है कि दादरी शहर के झज्जर घाटी क्षेत्र में हनुमान मंदिर के सामने से कालेज रोड की तरफ जाने वाले मार्ग के साथ लगते घरों में पिछले 15 दिन से पानी की आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो रही है। जब पानी आता भी है तो वह दूषित और बदबूदार होता है। जो पीने तो दूर नहाने, कपड़े धोने के लायक भी नहीं होता। गंदे पानी की सप्लाई से पेयजल टंकियों, नलों में भी दुर्गंध आती रहती है। पूरे घर में दूषित वातावरण बन जाता है। निश्शुल्क पेयजल वितरण टैंकर बना सहारा

क्षेत्र निवासी योगेंद्र कुमार, संदीप कुमार, सोनू, मोहन लाल, राजेश, पवन कुमार, महेश, शिवकुमार इत्यादि ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से गंदे पानी की आपूर्ति की जा रही है वह भी दो-दो दिन के बाद होती है। भीषण गर्मी के दिनों में वे पेयजल की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। जब भी वे अधिकारियों से बात करते हैं तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। सैकड़ों परिवार पेयजल के लिए भटक रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि झज्जर घाटी में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा निश्शुल्क पेयजल टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि यह व्यवस्था भी नहीं होती तो बिना पानी के यहां के लोग और ज्यादा परेशान होते। उन्होंने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को कोसते हुए कहा कि शहर में सुचारू पेयजल आपूर्ति के दावे किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर हालात इसके विपरीत हैं।


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