डा. सांगवान ने किसान आंदोलन के पक्ष में चलाया जन जागरण अभियान
वीरवार को किसान जनजागरण अभियान के तहत गांव पालड़ी की चौ
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : वीरवार को किसान जनजागरण अभियान के तहत गांव पालड़ी की चौपाल में किसानों की सभा हुई। जिसमें आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए हलका बाढड़ा के अहीरवाल क्षेत्र के किसानों को प्रेरित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए डा. विजय सांगवान मंदौला ने कहा कि देश के किसान के धैर्य की परीक्षा सरकार न ले। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर आंदोलन को समाप्त करवाने का काम करे। डा. सांगवान ने कहा कि अब यह किसान आंदोलन जन आंदोलन बन चुका है। सरकार जितने ज्यादा प्रयास आंदोलन को कमजोर के लिए करेगी उतना ही आंदोलन मजबूत होगा। उन्होंने किसानों से आह्वान कहा कि यह किसान के अस्तित्व की लड़ाई है। उन्होंने गांव पालड़ी के युवा किसानों से अपील करते हुए कहा कि सभी इस आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों।
इस अवसर पर सुरेंद्र कुब्जानगर, डा. ओमप्रकाश डाढी, आचार्य देबी सिंह, जगरूप आर्य, पूर्व सरपंच हवासिंह आदमपुर, रामकुमार सोलंकी, नरेश प्रजापत कलियाणा, राजेंद्र बोहरा पालड़ी, हरिपाल, सुरेंद्र यादव, हनुमान यादव, ओमप्रकाश, शमशेर पालड़ी, जगमोहन जेलदार, विजय यादव पालड़ी, पुरूषोत्तम शर्मा, कुलदीप, सन्नी कुमार, कृष्ण कुमार, हितैष यादव, धर्म सिंह शर्मा, अंकित शर्मा, सिकंदर पालड़ी भी उपस्थित रहे। किसानों की मांगों पर सरकार का दोहरा चरित्र उजागर: चारू
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दिल्ली सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट एवं पूर्व कस्टम अधिकारी एसपी सांगवान की बेटी चारू सांगवान ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ तो आंदोलन स्थल के आसपास पाक चीन बार्डर जैसे हालात बना रही है और दूसरी तरफ किसानों को वार्ता के लिए बुला रही है। सरकार के दोहरे चरित्र को देखकर लगता है कि उसकी नीयत साफ नहीं है। उन्होंने वीरवार को यहां जारी अपने बयान में कहा कि देश के किसान के शांतिपूर्ण आंदोलन को रोकने के लिए भारत के इतिहास में कभी सड़कों पर नुकीली कीलें नहीं गाड़ी गई। सड़क नहीं खोदी गई और न ही कंकरीट की दीवारें खड़ी की गई। सिघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उन्हें देख कर दुख होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों से वार्ता का ढोंग कर रही है और जिस तरीके की तैयारी में जुटी है उससे लगता है कि ताकत और जोर जबरदस्ती के दम पर आंदोलन को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ है।