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उच्च न्यायालय के फैसले से दादरी नगर परिषद चेयरमैन को मिल सकती है बड़ी राहत, बदलेगा सियासी परि²श्य

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में शहरी निकाय प्रधा

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 06:29 PM (IST)
उच्च न्यायालय के फैसले से दादरी नगर परिषद चेयरमैन को मिल सकती है बड़ी राहत, बदलेगा सियासी परि²श्य
उच्च न्यायालय के फैसले से दादरी नगर परिषद चेयरमैन को मिल सकती है बड़ी राहत, बदलेगा सियासी परि²श्य

सचिन गुप्ता, चरखी दादरी : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में शहरी निकाय प्रधान के खिलाफ डीसी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने संबंधित अधिकार न होने का फैसला दिए जाने से दादरी नगर परिषद के चेयरमैन को भी काफी राहत मिलने की उम्मीद है। एक मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फतेहाबाद के डीसी के उस आदेश को रद कर दिया, जिसके तहत डीसी ने एसडीएम टोहाना को जाखल मंडी नगर पालिका के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए विशेष बैठक बुलाने को कहा था। ऐसी ही स्थिति दादरी नगर परिषद चेयरमैन संजय छपारिया को लेकर बनी हुई है।

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गौरतलब है कि दादरी नगर परिषद चेयरमैन संजय छपारिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 14 पार्षदों ने बीती 26 फरवरी को तत्कालीन डीसी श्यामलाल पूनिया को शपथ पत्र दिए थे। जिसके बाद दादरी के एसडीएम ने नगर परिषद के माध्यम से पत्र जारी कर 18 मार्च को नगर परिषद की विशेष बैठक बुलाने की बात कही थी। इसी बीच चेयरमैन संजय छपारिया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। चेयरमैन संजय छपारिया द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में पिछले वर्ष सरकार द्वारा हरियाणा नगरपालिका अधिनियम की धाराओं में संशोधन कर चेयरमैन पद के लिए सीधे चुनाव करवाने तथा कुछ पार्षदों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पहलुओं को शामिल किया था। जिस पर हाई कोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए 19 मई तक स्टे लगाया गया था। अब इस मामले में अगली सुनवाई आगामी 30 जुलाई को होनी है। नगर पालिका अधिनियम संशोधन के तहत फैसला

फतेहाबाद जिले की जाखल मंडी नगर पालिका की अध्यक्ष द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका के मामले में सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि सरकार द्वारा हरियाणा नगरपालिका अधिनियम में 4 सितंबर 2019 को संशोधन किया गया कि नगर परिषद और नपा के अध्यक्ष का चुनाव सीधे तौर पर होगा और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। सरकार की तरफ से यह भी बताया गया कि याची का चुनाव एक्ट में संशोधन से पहले हुआ था। जिस पर बेंच ने कहा कि हरियाणा नगरपालिका अधिनियम की धारा 21 (2) में संशोधन में कहीं भी नहीं लिखा कि पुराने चयनित प्रधान पर यह लागू नहीं होगा। ऐसे में एक्ट के तहत डीसी के पास इस तरह के आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने फतेहाबाद डीसी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने का आदेश रद कर दिया।

बता दें कि वर्ष 2016 में हुए चुनाव के बाद पार्षदों ने संजय छपारिया का चेयरमैन के पद पर चयन किया था। जबकि एक्ट में संशोधन सितंबर 2019 में हुआ है। ऐसे में हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद दादरी नप चेयरमैन को भी राहत मिलने की उम्मीद है।


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