गुप्ता जी की बदौलत दादरी को शिक्षा क्षेत्र में मिली नई पहचान: भारद्वाज
जागरण संवाददाता चरखी दादरी दादरी के जनता पीजी कालेज के राजनीति विज्ञान एवं इतिहास विभा
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
दादरी के जनता पीजी कालेज के राजनीति विज्ञान एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शीर्षक दी विजन ऑफ रामकृष्ण गुप्ता रखा गया था। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. यशवीर सिंह ने मुख्य अतिथि पवन कुमार गुप्ता तथा अन्य प्राध्यापकों का अभिनंदन किया। संगोष्ठी के संयोजक डा. सुरेश कुमार जांगिड़ ने विषय के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व सांसद स्व. रामकृष्ण गुप्ता के आदर्शों, सिद्धांत पर आधारित जीवनशैली वर्तमान की भौतिकवादी एवं निजी स्वार्थ आधारित व्यावासयिक, संकीर्ण मनोवृति से निजात दिलवाने में प्रासंगिक सिद्ध हो सकती है। गुप्ता ने ही दादरी में 12 शिक्षण संस्थाएं बनाई।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पवन कुमार गुप्ता ने कहा कि रामकृष्ण गुप्ता के द्वारा दादरी क्षेत्र के लिए प्रारंभ किए गए कार्यों एवं विचारों को क्रियान्वित कर व्यावहारिक रूप देना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्यामलाल शर्मा एडवोकेट ने कहा कि गुप्ता जैसी शख्सियत के रूप में जन्म विरले ही होते हैं। चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के रजिस्ट्रार डा. जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहा कि गुप्ता की कर्मठता के परिणामस्वरूप ही आधुनिक चरखी दादरी क्षेत्र के रूप में एक विशिष्ट पहचान बना पाया है। संगोष्ठी उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के डा. राजेश कुमार, निर्देशक शोध, आइसीएचआर, नई दिल्ली ने गुप्ता के राष्ट्रीय आंदोलन एवं राजनीतिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण गतिविधियों पर प्रकाश डाला। प्रथम एवं द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में नौसाद अली, उप निदेशक प्रकाशन आइसीएचआर नई दिल्ली, डा. एससी अरोड़ा, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालाय रोहतक, डा. आरएन यादव, सेवानिवृत प्राचार्य, डा. आरएस यादव, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र ने गुप्ता के जीवन संबंधी सामाजिक, राजनीतिक एवं राष्ट्रवादी दर्शन पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त संगोष्ठी में हरियाणा, पंजाब एवं दिल्ली के लगभग 100 से भी अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। संगोष्ठी में डा. विद्या गुप्ता, साधु राम जांगिड़, डा. अरूण सांगवान, डा. सुरेंद्र सिंह दलाल विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंच संचालन डा. मीनाक्षी बंसल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए महाविद्यालय के स्टाफ सदस्यों के अलावा विद्यार्थियों का भी विशेष सहयोग रहा।