श्रेष्ठ कर्मो और सदाचरण से होता सभ्य समाज का निर्माण : वसुधा
जागरण संवाददाता चरखी दादरी शुभ संकल्प श्रेष्ठ कर्म से हम सभ्य व दिव्य समाज का निर्माण कर
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : शुभ संकल्प, श्रेष्ठ कर्म से हम सभ्य व दिव्य समाज का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए आध्यात्मिक शक्तियों को जीवन में धारण करना होगा। यह बात प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कि कादमा शाखा के तत्वावधान में गांव में आयोजित श्रेष्ठ कर्म से सभ्य समाज कार्यक्रम में सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्मकुमारी वसुधा ने कही।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन में आत्मिक बल का बहुत महत्व है जिससे विभिन्न शक्तियों का विकास होता है। उन्होंने ने कहा की सतोप्रधान निर्णय शक्ति के आधार पर ही व्यक्ति श्रेष्ठता के शिखर पर पहुंच सकता है, सहनशक्ति को धारण कर जीवन को उज्जवल बना सकता है तथा सामना करने की शक्ति से व्यक्ति निर्भय बन सकता है। इस तरह से इन शक्तियों को अपने आत्मिक बल आध्यात्मिक शक्ति के आधार पर प्रयोग कर हम समाज को अपना श्रेष्ठ योगदान दे सकते हैं।
वसुधा ने कहा कि शक्ति जब कर्म में आती है तो गुण का रूप बन जाती है पवित्रता प्रेम शांति आनंद आदि गुण ही मानव जीवन का श्रृंगार है। ब्रह्मकुमारी पूजा ने कहा कि हम अपने घर परिवार के कार्य करते हुए कुछ समय खुद के लिए निकाले तथा अपने आप से और परमपिता परमात्मा से बात करें, संबंध जोड़े जिसको ही राजयोग कहा जाता है। इसलिए हमें अपने जीवन को सुख शांति और आनंदमय बनाकर दूसरों को खुशी प्रदान करनी है तभी हमारा यह मानव जीवन सार्थक सिद्ध हो सकता है।