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आजादी के बाद पहली बार ढिगावा मंडी में बना कपास खरीद केंद्र, किसानों को आया रास

संवाद सूत्र ढिगावा मंडी ढिगावा मंडी में कपास की पहली बार खरीद होना किसानों के लिए वरदा

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 04:55 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 04:55 AM (IST)
आजादी के बाद पहली बार ढिगावा मंडी में बना कपास खरीद केंद्र, किसानों को आया रास
आजादी के बाद पहली बार ढिगावा मंडी में बना कपास खरीद केंद्र, किसानों को आया रास

संवाद सूत्र, ढिगावा मंडी

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ढिगावा मंडी में कपास की पहली बार खरीद होना किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। आस पास के क्षेत्र के किसानों को अपनी कपास बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा बल्कि नजदीकी मंडी में एमएसपी रेट पर खरीद की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने आजादी के बाद पहली बार ढिगावा क्षेत्र में कपास की खरीद शुरु करवाई है। यहां पर दो कॉटन मिलों में कपास की खरीद की जा रही है। सीसीआइ द्वारा यहां पर 19 दिसंबर तक करीब एक लाख क्विटल कपास की खरीद की जा चुकी है। क्षेत्र के किसानों के आग्रह के बाद कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के प्रयासों से पहली बार कपास खरीद केंद्र बनाया गया। किसानों ने कपास खरीद केंद्र का पूरा फायदा उठाया और 19 दिसंबर तक करीब 100000 क्विटल कपास सीसीआई द्वारा खरीदी गई।

सीसीआई ने करीब 100000 क्विटल कपास खरीद पूरी की, अब तक करीब 54 करोड़ रुपए का हो चुका है भुगतान।

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खरीदी गई कपास का विवरण :- अक्टूबर माह में -- 36034.60 क्विटल कपास खरीदी।

नवंबर माह में -- 39855.50 क्विटल कपास खरीदी।

दिसंबर माह में अब तक -- 18911.90 क्विटल कपास खरीदी।

---------------- किया गया भुगतान का विवरण :-

अक्टूबर माह में 22 करोड़ 72 लाख 50 हजार 741.96 रुपये ।

नवंबर माह में 20 करोड़ 39 लाख 81 हजार 665.79 रुपये।

दिसंबर माह में अब तक 10 करोड़ 71 लाख 11904 रुपये।

सीसीआइ केंद्र अधिकारी बनवारी लाल ने बताया कि शनिवार तक करीब एक लाख क्विटल कपास एजेंसी द्वारा खरीदी गई है। इस दौरान अलग-अलग किस्तों में करीब 54 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मिल मालिक मनीष ने बताया कि किसानों को कपास बेचने में कोई परेशानी नहीं हो रही किसान काफी खुश हैं। सीसीआई द्वारा कपास का किसानों को 5 से 7 दिन के दौरान भुगतान कर दिया जाता है।

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मिल मालिक महावीर मतेनहेलिया ने बताया कि पहले किसानों को 60 से 75 किलोमीटर दूर कपास बेचने के लिए बाहर जाना पड़ रहा था। किसानों को 2 से 3 दिन लग जाते थे। यहां खरीद केंद्र शुरू होने के बाद से किसान काफी खुश हैं । फोटो -- जागरण -- ढिगावा जाटान की कॉटन मिल में लगे कपास के ढेर।


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