90 किमी लंबेनेशनल हाईवे का निर्माण युद्ध स्तर पर जारी, सफर होगा सुगम
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने झज्जर से लोहारू की राजस्थान
संवाद सहयोगी, बाढड़ा :
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने झज्जर से लोहारू की राजस्थान सीमा तक के राज्य स्तरीय सड़क मार्ग को नेशनल हाईवे का दर्जा देकर दस मीटर चौड़ाई के रुप में निर्मित करने के लिए काम शुरू कर दिया है। सड़क के दोनों तरफ जगह बनाने के लिए पेड़ों की कटाई का युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
90 किलोमीटर के लंबे सड़क मार्ग पर 181 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट जारी किया गया है। इस राशि से मौजूदा सड़क मार्ग को चौड़ा करने अलावा तीन बड़े शहरों में आधा दर्जन पुलों व ग्रामीण क्षेत्र में बड़े स्तर पर सड़क के साथ प्लेटफार्म निर्माण किए जाएंगे।
इस वर्ष के अंतिम दिनों तक इसका तोहफा मिलने का इंतजार है। दक्षिणी हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे दादरी बाढड़ा क्षेत्र सड़क निर्माण समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के मामले में लंबे समय से उपेक्षा झेल रहा है। बाढड़ा से दादरी सड़क मार्ग पर पहाड़ी क्षेत्र होने से पहाड़ में आने वाले हजारों वाहनों के प्रतिदिन आवागमन से इस क्षेत्र के सड़क मार्ग पर सड़क कम व गड्ढे ज्यादा नजर आ रहे है। जिला मुख्यालय तक जाने के लिए लोग तीस से चालीस किलोमीटर दूर से गुजरने वाले झोझू सड़क मार्ग का प्रयोग करने को मजबूर हैं। क्षेत्र की जनता की मांग पर सांसद धर्मबीर ¨सह ने सबसे पहले इस क्षेत्र की सड़कों की मौजूदा हालात सुधारने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार से बजट स्वीकृत करवाया। सांसद धर्मबीर ¨सह के प्रयासों के बाद केन्द्र व हरियाणा सरकार ने राय मलिकपुर से भ¨टडा, लोहारू, बाढड़ा से झज्जर, भिवानी से जींद, हिसार से तोशाम, सतनाली महेंद्रगढ़ सहित पांच नेशनल हाईवे निर्माण का एमओयू तैयार कर दिया है जो भिवानी को एक तरह से राष्ट्रीय सड़क मार्गो का हब बनाने में कारगर साबित होगा। राजस्थान सरकार के आला मंत्रियों ने सांसद धर्मबीर की अगुवाई में केंद्रीय सड़क मार्ग मंत्री नितिन गडकरी से डुंगरगढ़ से भिवानी तक पहुंचने व इस पिछड़े क्षेत्र को दिल्ली से जोड़ने के लिए 226 किलोमीटर के सड़क मार्ग का खाका तैयार कर इसे जुई भिवानी नेशनल हाईवे 709 से जोड़ने की पहल की। इस पर वर्ष 2017 में ही 181 करोड़ 78 लाख रुपये की राशि जारी कर दी है। इस राशि से मौजूदा सड़क मार्ग को चौड़ा करने अलावा तीन बड़े शहरों में आधा दर्जन पुलों व ग्रामीण क्षेत्र में बड़े स्तर पर बाईपास निर्माण किए जाएंगे। यह काम अब दिसंबर माह तक पूरा करने के लिए तीन सौ मजदूरों के पेड़ कटाई कार्य का जिम्मा सौंपा गया है।
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दिल्ली और राजस्थान सीमा में 80 फीसद काम पूरा
सड़क निर्माण के साथ ही इस क्षेत्र में अन्य योजनाओं के विस्तार में भी तेजी से काम चल रहा है। लोहारू से जयपुर सीमा और दिल्ली सीमा क्षेत्र में इस मार्ग का करीब 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा के मौजूदा सांसद धर्मबीर ¨सह भले ही राजनैतिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल के कट्टर विरोधी रहे हैं लेकिन दो वर्ष में जिले में पांच नेशनल हाईवे स्वीकृत करवा कर वे उनकी तर्ज पर चलते नजर आ रहे हैं। भिवानी जिले का दिल्ली और जयपुर से बढ़ती नजदीकियां से क्षेत्र के किसानों की आजीविका का केन्द्र माने जाने वाली कृषि की दशा व दिशा में ऐतिहासिक परिवर्तन होने व औद्योगिक इकाईयों के आगमन की उम्मीदें बनती नजर आ रही हैं।
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बाढड़ा को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
झज्जर से लोहारू सीमा व हिसार से महेन्द्रगढ़ तक बनने वाले मिनी नेशनल हाईवे निर्माण में बाढड़ा को सबसे अधिक फायदा होगा क्योंकि इससे दिल्ली-जयपुर के मध्य इस रास्ते का अधिक उपयोग होगा। पर्यटकों के लिए यह मार्ग पहली पसंद माना जाएगा। इससे कस्बे का विस्तार होगा वहां क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यहां के किसान अपने उत्पाद राजस्थान व दिल्ली तक कम समय व कम लागत में भेजकर अधिक मुनाफा कमा सकते है। विधायक सुख¨वद्र मांढी ने कहा कि उपमंडल में चालीस करोड़ से छोटे सड़क मार्गो का नवीनीकरण व नए सड़क मार्गों पर काम चल रहा है वहीं इन दोनों राष्ट्रीय परियोजनाओं के क्रियांवयन से क्षेत्र की तस्वीर ही अलग नजर आएगी।
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दक्षिणी क्षेत्र में खुलेगा विकास का द्वार
लोकसभा सांसद व सुरक्षा समिति सदस्य धर्मबीर ¨सह व भाजपा विधायक सुख¨वद्र मांढी ने कहा कि इस क्षेत्र के जायज हकों के लिए वे पूरी तरह तत्पर हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व सड़क निर्माण मंत्रालय ने झज्जर से लोहारू की राजस्थान सीमा तक के राज्यस्तरीय सड़क मार्ग दस मीटर चौड़ा कर मिनी नेशनल हाईवे के तौर पर तैयार करने के लिए 181 करोड़ 78 लाख रुपये की राशि जारी कर दी है। इस राशि से झज्जर, छुछकवास, दादरी शहर, बाढड़ा, लोहारू के अंतिम सीमा छोर तक के मौजूदा सड़क मार्ग को चौड़ा करने अलावा तीन बड़े शहरों में आधा दर्जन पुलों व ग्रामीण क्षेत्र में बड़े स्तर पर बाईपास निर्माण किए जाएंगे।