तोशाम में हर्षोल्लास के साथ मना स्वतंत्रता दिवस समारोह
चौ. सुरेंद्र सिंह खेल परिसर में 74वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि एसडीएम मनीष कुमार फौगाट ने ध्वजारोहण किया।
सहारनपुर जेएनएन। सहारनपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों को निरीक्षण के दौरान महानगर में जगह-जगह अवैध निर्माण नजर आए। स्वीकृत नक्शों के विपरीत भी बड़ी संख्या में निर्माण मिले। अवैध निर्माण को देखकर हैरान अफसरों ने निर्माणों को सील और ध्वस्त करने की चेतावनी दी।
कोरोना लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए महानगर में अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है। विकास प्राधिकरण के अफसरों ने शनिवार और रविवार को जब सड़कों पर उतरकर अवैध निर्माणों को देखा तो वे हैरान रह गए। चिलकाना रोड, संकलापुरी रोड, मंडी समिति रोड़, मढ़ रोड़, जनता रोड़ के अलावा सर्किट हाउस रोड, बाजोरिया रोड, घंटाघर, पुरानी चुंगी, जोड़ कुआं, बेहट रोड, मोहल्ला मुंशी यान, मोहल्ला मिश्रान, कामधेनू नगर, जेवी जैन कॉलेज रोड, मल्हीपुर रोड लक्ष्य बिहार कॉलोनी आदि स्थानों पर अनेक अवैध निर्माण और स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण मिले। इतना ही नहीं शासन द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन कर बिना मास्क और उचित शारीरिक दूरी के निर्माण होते पाए गए। अफसरों ने मौके से लेबर और शटरिग को हटाकर निर्माण कार्य रुकवा दिया। टीम में शामिल अधिकारियों द्वारा चेतावनी दी गई कि अवैध निर्माण अथवा नक्शे के विपरीत निर्माण को तत्काल बंद कर दें अन्यथा प्राधिकरण का सचल दस्ता ऐसे सभी निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई करेगा। टीम में अधिशासी अभियंता अनिल कुमार मिश्रा, सहायक अभियंता सुनील कुमार, अवर अभियंता विजेंद्र गुप्ता, हुसैन अहमद, आरके कौशिक, मेट मदनपाल, चरण सिंह, प्रवीण कुमार, विजय बिष्ट, मोहित कुमार शामिल थे।
---इनसेट---
नहीं किया अवैध निर्माणों का खुलासा
सहारनपुर: प्राधिकरण अधिकारियों ने अवैध निर्माण और नक्शे के विपरीत निर्माणों की संख्या का खुलासा नहीं किया, लेकिन सूत्रों का कहना है यह संख्या सैकड़ों में है। दरअसल लॉकडाउन के दौरान प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अमूमन हर जोन में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हुए हैं और अनेक क्षेत्रों में प्राधिकरण की टीम को निर्माण होता मिला। बताते चलें कि पिछले दिनों कई भाजपा नेताओं ने प्राधिकरण के अध्यक्ष मंडलायुक्त संजय कुमार को अवैध निर्माणों की सूची सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की थी। माना जा रहा है कि प्राधिकरण अधिकारियों की यह कसरत उसी के तहत थी। वहीं गत माह रायवाला के निकट प्रतापनगर में एक शोरूम के बेसमेंट में लगी आग के बाद प्राधिकरण ने क्षेत्र के बहुमंजिला भवनों और बेसमेंट को चिन्हित करने के बाद कार्रवाई की बात कही थी लेकिन दो दिवसीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने रायवाला और प्रतापनगर क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों का निरीक्षण नहीं किया। ये क्षेत्र महानगर के सबसे महंगे क्षेत्रों में शुमार हैं और यहां सैकड़ों की संख्या में अवैध निर्माण तीन-चार मंजिला मार्किटों के रूप में खड़े हैं। पूरा बाजार संकरी गलियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों से घिरा है।