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आर्थिक आधार पर आरक्षण की अधिसूचना जारी कर सरकार ने किया पिछड़ा वर्ग पर कुठाराघात : वर्मा

पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए क्रीमिलेयर मानदंड को लेकर हरियाणा सरकार बार-बार असंवैधानिक अधिसूचनाएं जारी कर पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है। इससे पिछड़ा वर्ग में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यह आने वाले समय में आंदोलन का रूप ले सकता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 08:01 PM (IST)
आर्थिक आधार पर आरक्षण की अधिसूचना जारी कर सरकार ने किया पिछड़ा वर्ग पर कुठाराघात : वर्मा

जागरण संवाददाता, भिवानी : पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए क्रीमिलेयर मानदंड को लेकर हरियाणा सरकार बार-बार असंवैधानिक अधिसूचनाएं जारी कर पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है। इससे पिछड़ा वर्ग में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यह आने वाले समय में आंदोलन का रूप ले सकता है। यह बात राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के प्रवक्ता गणेशीलाल वर्मा ने पिछड़ा वर्ग के लोगों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। वर्मा ने कहा कि वर्ष 2016 एवं 2018 की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 को असंवैधानिक मानते हुए रद्द कर दिया था। हरियाणा सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक बार फिर केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण की अधिसूचना जारी कर पिछड़ा वर्ग पर कुठाराघात किया है। गणेशीलाल वर्मा ने कहा केंद्र व हरियाणा सहित सभी राज्यों में सुप्रीम कोर्ट के इंद्रा साहनी फैसले के अनुरूप भारत सरकार की 1993 की अधिसूचना द्वारा निर्धारित क्रीमिलेयर मानदंड लागू हैं, जिसके अनुसार संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्ति, सीधी भर्ती से क्लास-वन अधिकारी, दोनों पति-पत्नी क्लास दो अधिकारी, सीधी भर्ती से क्लास दो अधिकारी जो 40 साल से कम उम्र में क्लास वन में पदोन्नत हो, क्रीमीलेयर की श्रेणी में आता है। अन्य सभी कर्मचारी, किसान, कुशल श्रमिक, छोटे दुकानदार आदि जिनकी कुल आय आठ लाख से कम हो, वे नान क्रीमिलेयर श्रेणी में आते हैं। हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने की नीयत से वर्ष 2016 और फिर वर्ष 2018 की अधिसूचना द्वारा क्रीमिलेयर मानदंड के लिए सभी स्त्रोतों से प्राप्त कुल वार्षिक आय की सीमा छह लाख रुपये कर दी। इसमे वेतन आय, किसानों की कृषि आय तथा कुशल श्रमिकों की आय को भी शामिल कर दिया। इससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बच्चे भी आरक्षण से वंचित हो गए। महासभा प्रवक्ता ने कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग पर अत्याचार करना बंद करे और यूजी मेडिकल में दाखिला प्रक्रिया को देखते हुए तुरंत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप केंद्र की तर्ज पर 1995 वाली अधिसूचना जारी कर वर्ष 2016 से पूर्व की स्थिति बहाल करे। इस अवसर पर धर्मचंद्र, तेजू, जीनत, हिमांशु, महक, मूर्ति देवी, आरती, राज, रीतिक, गोलू, सुमन, विदिशा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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